जयपुर। शहर के गणगौरी अस्पताल में बच्चा बदलने की बात पर मंगलवार को परिजनों द्वारा दो घंटे तक हंगामा करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने डीएनए टेस्ट कराने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। नारेबाजी के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने सुनवाई नहीं की तो परिजनों ने धरना शुरू कर दिया। मामला बढऩे पर पुलिस अस्पताल पहुंची। बाद में बुधवार को डीएनए टेस्ट कराने की बात कही। डीएनए टेस्ट के बाद मामले की हकीकत सामने आएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
परिजनों का कहना है कि 14 दिन पहले मसरद ने पुत्र को जन्म दिया। अस्वस्थ होने पर कुछ दिन बाद डॉक्टरों ने बच्चे को नर्सरी में शिफ्ट कर दिया और मंगलवार को बच्चे की मौत के बाद परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने घर जाकर बच्चा को देखा तो बदला हुआ नजर आया। इस पर वे फिर अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने डॉक्टरों से बच्चा बदल जाने की बात कही तो वे भडक़ गए। बच्चे के पिता हारून बेग ने बताया कि जन्म के समय बच्चे का वजन 1.5 किलो था, अब करीब 2 किलो है, जबकि बच्चा 14 दिन तक बीमार रहा। जन्म के समय बच्चा सांवला रंग का था। मृत बच्चा गोरा-चिट्टा है। बच्चे का चेहरा भी बदला हुआ है।
इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक अजय माथुर का कहना है कि बच्चा बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। कोई कुछ भी आरोप लगा सकता है। आरोपों में सच्चाई नहीं है। बच्चे के हाथ पर मां के नंबर का ही टेग लगा हुआ है। टिकट नंबर से भी यही बच्चा है। परिजन चाहे तो डीएनए टेस्ट करा सकते हैं, सच्चाई सामने जाएगी।
बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनी: RJD 26 ,कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
'बहुत सकून मिला है', अंसारी की मौत के बाद पीड़िता का बयान
बिल गेट्स ने लिया मोदी का इंटरव्यू: PM बोले-भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में डीपफेक एक बड़ी चिंता
Daily Horoscope