कोटा। मौसमी बीमारियों, स्वाइन फ्लू व डेंगू की रोकथाम एवं इलाज की
समुचित व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन द्वारा माहवार कार्य योजना तैयार कर
संयुक्त भागीदारी से मूर्तरूप दिया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिला
कलक्टर रोहित गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित बैठक में नगर निगम
के आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा,
सीएमएचओ डॉ. आरके लवानिया सहित तीनों अस्पतालों के अधीक्षक एवं चिकित्सा
अधिकारियों ने कार्य योजना पर चर्चा की। जिला कलक्टर ने कहा कि मौसमी
बीमारियों एवं डेंगू व स्वाइन फ्लू की रोकथाम हेतु संक्रमण के समय ही जागने
के बजाये वार्षिक कार्य योजना बनाकर प्रतिमाह समन्वित प्रयास किये जाए।
जिससे रोगों के प्रति आमजन में जागरूकता पैदा हो सके। उन्होंने वर्तमान में
स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं जन जागरूकता हेतु बचाव व लक्षणों के बारे में
प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नगर निगम के सभी रैन
बसेरो, हॉस्टल एवं भीड-भाड वाले स्थानों पर जागरूकता गतिविधियां आयोजित की
जाए। बैठक में अधिकारियों ने वार्षिक प्लान पर विस्तृत रूप से चर्चा कर
डेंगू के फैलने को रोकने के लिए महिनेवार विभागों को अलग-अलग गतिविधियां
आयोजित करने एवं आमजन को प्रेरित करने के साथ नियमों की अवहेलना करने पर
जिम्मेदारी तय करने का भी निर्णय लिया।
ये होगी कार्ययोजना
डेंगू
की रोकथाम हेतु प्रत्येक माहवार कार्यक्रम बनाकर संबंधित विभागों के
अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में कार्य देकर जिम्मेदारिया तय की
जाएगी। डेंगू की रोकथाम हेतु अप्रेल एवं मई माह में शहर के खाली भूखण्डों
को चिन्हित कर उनमें पानी भराव की स्थिति रोकने के लिए भूखण्ड स्वामियों को
पाबंद किया जाएगा। निर्धारित दिवस के बाद में भूखण्ड आवंटन निरस्त करने
एवं धारा-133 के तहत कार्यवाही शुरू की जाएगी। मई से जुलाई तक नगर निगम,
यूआईटी एवं चिकित्सा विभाग तिथिवार जन जागरूकता हेतु प्रिंट, सोशल व
परम्परागत मीडिया के माध्यम से जन सर्म्पक विभाग के सहयोग से जनता तक संदेश
पहुंचाएंगे।
16
मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों की
कार्यशाला तथा इसी माह में स्वयंसेवी संस्थाओं व निजी अस्पतालों की
कार्यशाला भी आयोजित होगी। जुलाई माह से फोगिंग की गतिविधियां शुरू की
जाएगी। एक जुलाई से सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों मंे डेली रिर्पोटिंग
सिस्टम लागू किया जाएगा। इसी प्रकार 10 जुलाई से शहर में डोर-टू-डोर जाकर
टीम द्वारा घरों में कूलर एवं पानी भराव के स्थानों की जांच कर लोगों को
जागरूक किया जाएगा। किसी संस्थान अथवा आवासीय परिसर में कूलरों में लार्वा
पाये जाने पर निगम द्वारा पेनल्टी लगाई जाएगी। एक जुलाई तक निजी अस्पतालों
एवं बडी लैब संस्थानों में एलाईजा मशीन खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
सभी चिकित्सा संस्थानों में इनडोर फोगिंग स्प्रे जुलाई तक कराना अनिवार्य
होगा। जिससे तीन माह तक चिकित्सा संस्थानों में डेंूग मच्छर नहीं पनप
पायेगा। सभी चिकित्सालयों में डेंगू की जांच एवं उपचार विशेष प्रबंध किये
जाएंगे। उक्त सभी गतिविधियां दिसम्बर माह तक अनवरत जारी रहेंगी तथा समय-समय
पर परिस्थिति अनुसार परिवर्तन किया जाएगा।
इस
अवसर पर न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. देवेन्द्र विजयवर्गीय,
एमबीएस अधीक्षक डॉ. पीके तिवारी, जेके लॉन अस्पताल अधीक्षक डॉ. एचएल मीणा,
रामपुरा जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. जेठवानी सहित चिकित्सा अधिकारी उपस्थित
रहे।
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