जयपुर। मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर एवं जैसलमेर जिलों में पानी, बिजली, अस्पताल, शिक्षा, सड़क आदि मूलभूत आवश्यकताओं को प्रमुखता से पूरा किया जावे।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम की 31वीं राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अन्तरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित इन चार जिलों के 16 विकास खण्डों में रह रहे लोगाेंं की विशिष्ट विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए किए गये कार्यों पर चर्चा की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि नरेगा, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन आदि योजनाओं में किए जा रहे कार्यों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मीणा ने इस बात पर बल दिया कि इन सभी गांवों के संतुलित विकास की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम के तहत किसी भी कार्य को करवाने से पहले भली-भांति जांच परख कर उसकी उपयोगिता को सुनिश्चित अवश्य किया जाना चाहिए ताकि उसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। उन्होंने बताया कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम में जालोर जिले के चीतलवाना ब्लाक को शामिल करने के सम्बन्ध में भी भारत सरकार को प्रस्ताव किये गये हैं।
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