जयपुर । राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने राज्य के 11 जिलों के 40 गांवों का सर्वे करके खुले में शौचमुक्त अभियान यानी ओडीएफ योजना को लेकर वसुंधरा सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि प्रदेश के जालोर, बाड़मेर, पाली, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चूरू, भरतपुर, राजसमंद, उदयपुर और जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में ओडीएफ योजना के जरिये ग्रामीण को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला कलक्टर, एडीएम, बीडीओ, सरपंच दिल्ली या जयपुर में पुरस्कार पाने और लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में गरीब परिवारों को भयभीत कर रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुले में शौचमुक्त अभियान का समर्थन करती है, लेकिन किसी ग्रामीण को भयभीत नहीं करना चाहिये। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत ग्रामीणों को शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन इन ग्यारह जिलों के 40 गांवों में ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि खुद के रुपयों से पहले शौचालय का निर्माण करवाये और बाद में यह धनराशि को हासिल करें। उन्होंने आरोप लगाया कि 12 हजार रुपये की धनराशि भी शौचालय निर्माण के बावजूद भी परिवारों को नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बकायदा आदेश निकाले है कि ग्राम पंचायत जब यह प्रमाणित कर देगी कि संबंधित परिवार ने शौचालय का निर्माण करवा लिया है. तभी सरकारी राशन दिया जाएगा। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक अमित पुनिया ने बताया कि इस सर्वे में कुल 1070 परिवारों से बातचीत की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ओडीएफ के झूठे आंकड़े पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान कई गांवों के घरों में शौचालय ही नहीं बने है, वहीं बहुत से शौचालय उपयोग के योग्य नहीं है।
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