जयपुर। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी की अगुवाई में काॅलेज शिक्षा विभाग, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की मदद से प्रदेश की सभी राजकीय महाविद्यालयों में 16 ऐसे सर्टीफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की शुरूआत कर रहा है, जिनको करने से न केवल छात्रों के लिए रोजगार की संभावना बढ़ेगी बल्कि उनमें उद्यमिता का विकास होगा। ये कोर्सेज सभी महाविद्यालयों में 1 अक्टूबर से प्रारंभ होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
माहेश्वरी ने इसी कड़ी मे बुधवार को आधा दर्जन से ज्यादा विभागों के आला अधिकारियों के साथ सचिवालय परिसर में बैठक की और उनसे कोर्सेज करने के बाद इंटर्नशिप करवाने, विशेषज्ञ, वैज्ञानिक उपलब्ध कराने, सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाने और रोजगार उपलब्ध करवाने की संभावनाओं पर चर्चा की। सभी विभागों ने कोर्सेज करने वाले छात्रों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त भी किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा ज्यादा से ज्यादा छात्रों को रोजगार आधारित कोर्सेज उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर और स्ववालंबी बनाने की है।
प्रदेश की 219 महाविद्यालयों में 4 लाख से ज्यादा छात्र अध्यनरत हैं। काॅलेज शिक्षा आयुक्तालय ने सभी महाविद्यालयों को 16 (12 सर्टिफिकेट और 4 डिप्लोमा कोर्सेज) मंे से उद्योगों की मांग और छात्रों की पसंद के अनुसार इनमें से 5 कोर्स शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अब तक 110 काॅलेजों में 5500 से ज्यादा विद्यार्थियों ने इन कोर्सेज के लिए पंजीकरण भी करवा लिया है।
गौरतलब है कि अब तक फूड एंड न्यूट्रिशन, लैब टेक्नीक्स, कम्यूनिकेशन स्किल्स और इन्फोर्मेशन एंड टेक्नोलाॅजी में छात्रों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है। ये कोर्सेज अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र-छात्राओं के अलावा सभी वर्ग की छात्राओं के लिए निशुल्क रहेंगे जबकि सामान्य वर्ग के लिए बेहद कम शुल्क पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
इग्नू के कुलपति प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बेहतरीन कोर्स संचालित किए जा रहे हैं और आगे भी विभाग की मांग के आधार पर नए कोर्स भी डिजाइन किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इग्नू के पाठ्यक्रम स्तरीय और बेहतरीन तरीके से बनाए हुए हैं। प्रदेश में दो क्षेत्रीय केंद्र भी हैं और प्रदेश की 94 काॅलेजों में अध्ययन केंद्र चल रहे हैं। इनमें से 22 सरकारी महाविद्यालय हैं, जोकि अब बढ़कर 110 काॅलेजों में संचालित हो रहे हैं।
ये कोर्सेज होंगे प्रारंभ
सभी महाविद्यालयों में फूड एंड न्यूट्रिशन, कम्यूनिकेशन एंड आईटी स्किल्स, टूरिज्म स्टडी, आॅर्गनिक फार्मिंग, इंफोर्मेंशन टेक्नोलाॅजी, बिजनेस स्किल्स, वाटर हार्वेस्टिंग, एनजीओ मैनेजमेंट, एंटप्रेन्योरशिप, लैब टैक्नीक्स, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग-फाइनेंस एंड अकाउंटिंग, फूड सेफ्टी, वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स फ्राॅम फू्रट एंड वेजीटेबल्स और इंफोर्मेशन सिक्योरिटी जैसे कुछ अन्य कोर्सेज में से छात्र किसी को भी चुन सकेंगे।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजहंस उपाध्याय, आयुक्त काॅलेज शिक्षा आशुतोष पेंडणेकर, प्रमुख शासन सचिव विज्ञान एवं तकनीकी संदीप वर्मा, इग्नू के कुलपति प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार, डाॅ. वी. वेणूगोपाल रेड्डी, डाॅ. पुरून्द्रु त्रिपाठी, डाॅ. एम.के. देश, बीएल मीणा के अलावा पर्यटन, कृषि, पशुपालन, डेयरी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, राजस्थान वित्त निगम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
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