जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के पांचवर्षीय लॉ कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी बनकर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर, निदेशक और कर्मचारियों के 1.42 करोड़ के गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया। विश्वविद्यालय प्रशासन से कई बार मांगने के बाद एसीबी को जरुरी दस्तावेज नहीं दिए। जबकि प्रोफ़ेसर व कर्मचारियों ने छुट्टी के दिन भी क्लास लेना दिखा कर रकम उठाई थी। जिसका खुलासा ऑडिट से हुआ है। ढाई साल की छानबीन के बाद ही लॉ कॉलेज के पूर्व निदेशक सहित पांच नामजद और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर में 21 प्रोफ़ेसर व अन्य कर्मचारियों के भी नाम हैं, जिन शिकंजा कसा जाएगा। आरोप है कि आरोपितों ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ने कागजों में क्लास चलाईं और 1.42 करोड़ रुपया उठाया था।
एसीबी सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में 60 से ज्यादा प्रोफ़ेसर व कर्मचारी फंसेंगे। अभी 42 प्रोफ़ेसर व कर्मचारियों के खिलाफ मिले सबूतों की जांच चल रही है। जल्द ही इस मामले में गिरफ्तारी होगी। एसीबी के मुताबिक, सेल्फ फाइनेंस कॉलेज में छात्रों की फीस से शिक्षकों को वेतन दिया जाता है।
इनके खिलाफ नामजद मुकदमा एसीबी ने बताया कि जीएस करकरा, तत्कलीन निदेशक पंचवर्षीय लॉ कॉलेज राजस्थान विश्वविद्यालय, मृदुल श्रीवास्तव, तत्कालीन निदेशक पंचवर्षीय लॉ कॉलेज, मंजू कुलवाल, तत्कालीन निदेशक पंचवर्षीय लॉ कॉलेज,महेश कुलवाल, तत्कालीन संयुक्त निदेशक, आरए काकड़ तत्कलीन कैशियर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इन पर कसा शिकंजा
एसीबी ने टी भट्टाचार्य,एनएच गुप्ता,एसएस लाल, रिवा डंगायत, सोनू अग्रवाल, मालविका पुरोजिहत, प्रियका माथुर, रीतू सिह, श्रवण नाथ, रोहित जैन, शैली बोहरा, अल्पना शर्मा, बीनू राजपुरोहित, सोनू कुलश्रेष्ठ, रितु शर्मा, नुपुर शर्मा, नमिता जैन, रूपेश राठौड़, मरियम बैग पर एसीबी ने शिकंजा कसा है।
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