जयपुर। देश में महिलाओं के सेनेटरी नेपकिन की समस्या को उजागर करती फिल्म फुल्लू के प्रमोशन के सिलसिले में अभिनेता शारिब हाशमी और ज्योति सेठी जयपुर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी बचपन की कुछ बातें फैंस के साथ शेयर कीं। उन्होंने फिल्म को "ए" सर्टिफिकेट दिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शारिब हाशमी ने फिल्मी परदे पर आने के बारे में बताया कि बचपन से मुझे यह फील्ड काफी इंप्रेस करता था। लेकिन जब कुछ बड़ा हुआ तो पता चला कि फिल्मों में आने लिए अच्छी कद-काठी होनी चाहिए।गुड लुकिंग होनी चाहिए। फिर विचार मन से निकाल दिया। फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआत बतौर राइटर हुई। गोविंदा की फिल्म हम तुमपे मरते हैं में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया। फिर शो बकरा में काम करने के दौरान दोस्तों ने एक्टिंग फील्ड में ट्राई करने को कहा। दोस्तों के कहने पर फिल्म धोबी घाट के लिए ऑडिशन दिया। मेरी परफोरमेंस की तारीफ तो हुई लेकिन सलेक्ट नहीं किया।
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