धौलपुर। कभी अखाड़ों में कुश्ती के जौहर दिखाने वाले नामी पहलवान महावीर पर कुदरत की ऐसी मार पड़ी कि उसकी जिंदगी अब बेडिय़ों में जकड़ गई है। मामला राजस्थान के धौलपुर जिले के अंडवा पुरेनी गांव का है। जहां के पहलवान रहे महावीर ने 18 साल पहले अपना मानसिक संतुलन खो दिया। जिसका जगह-जगह इलाज भी कराया, लेकिन इस पहलवान ने अपने ही परिजनों पर जानलेवा हमला कर दिया। तब से परिजन उसे जंजीरों में जकडकर रखते हैं।
महावीर पर पहलवानी का जुनून ऐसा है कि आज भी अगर बेड़ी खुल जाए तो वह पहलवानी करने लगता है। उसे बचपन से ही पहलवानी का शौक था। पहलवानी के लिए वह रात-दिन एक करता था। जहां भी दंगल की सूचना मिलती थी, वह कुश्ती लडऩे के लिए पहुंच जाता था। वह कई जिलों में कुश्ती दंगल जीतकर भी आया। लेकिन उस पहलवान ने शायद यह नहीं सोचा होगा कि 18 साल पहले मां रेहना वाली मेले का दंगल उसके लिए आखिरी दंगल साबित होगा। मां रेहना वाली मेले में आयोजित एक दंगल में उसने एक पहलवान को ऐसी पटखनी दी थी कि जमीन पर पटखनी खाते ही उस पहलवान को खून की उल्टियां होने लगी। पहलवान के मुंह से निकले खून को देख महावीर सहम गया और उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। इसके बाद लगातार स्थिति बिगड़ती गई। अब हालात ऐसे हैं कि उसे अब एक पेड़ के सहारे बेडिय़ों से बांध कर रखा जाता है।
पहलवान महावीर को बेडिय़ों से बांधना उसके पिता हरफूल की मजबूरी है। हरफूल ने बताया कि बेटे महावीर को अगर खुला रखते हैं तो वह गांव में जाकर लोगों से पहलवानी करने लगता है। ऐसे में डर लगता है कि कहीं कोई घटना ना हो जाए। इसके चलते उसे बेडिय़ों से बांधकर रखना पड़ता है। महावीर ने राजाखेड़ा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के दंगल में कुश्तियां लड़ी हैं।
महावीर के पिता ने बताया कि बेटे का इलाज कराने के लिए उसने कोई कमी नहीं छोड़ी। दवाइयों के साथ पूजा-पाठ भी कराया, लेकिन महावीर को कोई फायदा नहीं हुआ। पिता ने बताया कि महावीर का इलाज कराने में करीब 18 बीघा जमीन बेचनी पड़ गई, फिर भी वह ठीक नहीं हुआ।
हरफूल शर्मा ने बताया कि 18 साल पहले बेटा आखिरी दंगल लडऩे के बाद वापस लौटा तो वह अजीब सी हरकतें करने लगा। एक बार तो परिवार वालों ने इन हरकतों को नजर अंदाज कर दिया। एक दिन हरफूल कुएं में मोटर ठीक करने के लिए उतरे तो महावीर ने उन पर ऊपर से बड़े पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस दौरान उन्होंने मोटर के नीचे सिर छुपाकर जान बचाई। तब उन्हें पता चला कि बेटे ने मानसिक संतुलन खो दिया है। महावीर गांव में लड़ाई-झगड़े करने लगा, पत्थर बरसाने लगा। कई बार तो उसने घर से लाइसेंसी बंदूक निकालकर फायरिंग तक कर दी।
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