धौलपुर। आप और हम खौलते तेल से भरी कढ़ाई के पास खड़े होने से भी डरते हैं कि कहीं तेल उछल कर जला नहीं दे, लेकिन धौलपुर के महाराजपुरा निवासी मुकेश कुशवाह उसी उबलते तेल में हाथ डालकर समोसे-कचौरियां तलते हैं। एक-दो कचौरी नहीं, बल्कि तेल में तलने का हर काम वह बिना करछी ही करते हैं। उनकी हैरतअंगेज क्षमता न केवल लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने को विवश कर देती है, बल्कि काफी लोग हर सुबह उनकी दुकान पर हाथ से तली कचौरी खाने पहुंच जाते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुकेश बताता है कि पंजे तक उसके हाथ गर्म तेल में नहीं जलते हैं, उसे गर्म का अहसास नहीं होता है। वहीं अगर पंजे से ऊपर तेल आ जाता है तो फफोले पड़ जाते हैं। वह दस साल से यह कार्य लगातार कर रहा है। उनका कहना है कि कुदरत ने उन्हें ऐसा ही बनाया है, लेकिन सामान्य लोग यह जोखिम कतई नहीं उठाएं। खासकर बच्चों को गर्म तेल में हाथ नहीं डालना चाहिए। पहले वह मुरैना में हलवाइयों के साथ कार्य करने जाता था। उसने दस वर्ष तक वहां कार्य किया। इसी दौरान उसे पता चला कि गर्म कढ़ाई छूने पर भी उसे ताप नहीं लगता था। धीरे-धीरे कचौरी-बूंदी तलने के दौरान उबलते तेल में अंगुलियां डालीं तो पता चला कि इसका कोई असर नहीं हो रहा। अब चार वर्ष से उसने महाराजपुरा चौराहे पर हलवाई की दुकान खोल ली है।
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