चित्तौड़गढ़। माँ पद्मिनी हमारी आराध्य है और यदि हम जीते जी उनके स्वाभिमान की रक्षा नही
कर सकते है तो अब हमारा आखिरी हथियार जौहर ही रह जाता है। हमारे परिवार के
पुरुषों एवं भाइयों की सारी बातें खाली चली जाने के बाद अब हम माननीय
राष्ट्रपति महोदय के यहां ईच्छा मृत्यु की गुहार भी लगायेंगे। उक्त
उद्गार रविवार को दुर्ग स्थित जौहर कुण्ड पर स्वाभिमान रैली के प्रारंभ में
किये गये हवन के दौरान सर्व समाज की महिलाओं की ओर से व्यक्त किये गये। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फिल्म
निर्माता व निर्देशक संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत के रिलीज
पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाने के बावजूद विरोध थमने के स्थान पर उग्र होता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से फिल्म को भले ही सुप्रीम
राहत मिल गई हो लेकिन सर्व समाज की ओर से इस फिल्म को सुप्रीम राहत नही
मिल पा रही है। न्यायालय के इस निर्णय को लेकर सर्वसमाज में भारी आक्रोश
है। सर्व समाज द्वारा अब भी फिल्म पर रोक लगाने की मांग की जा रही है।
चित्तौड़गढ़ जिला इस आंदोलन का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है, वहीं देशभर में
विरोध प्रदर्शन जारी है। फिल्म पद्मावत के रिलीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट का
निर्णय आने के बाद सर्व समाज में खासी प्रतिक्रिया उभरकर सामने आई है।
फिल्म पद्मावत के रिलीज को लेकर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश दे
दिया हो, लेकिन राजस्थान में इसके रिलीज को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। पूरी फिल्म के विवाद का केंद्र बिंदु रहे प्रदेश में फिल्म के विरोध
में अभी भी सर्व समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से पुरजोर विरोध हो रहा है।
समाज से जुड़े संगठनों ने ये फिल्म प्रदेश में रिलीज नहीं होने देने की चेतावनी दी है।
संजय
लीला भंसाली की इस विवादित फिल्म को संपूर्ण भारत में बैन करने की मांग को
लेकर सर्व समाज की ओर से रविवार को दुर्ग स्थित जौहर स्थल से गांधीनगर
स्थित जौहर ज्योति मंदिर तक स्वाभिमान रैली निकाली गई। इससे पूर्व जौहर
स्थल पर एक हवन का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं ने सद्बुद्धि के लिए
पूर्णाहुति दी। सद्बुद्धि यज्ञ के बाद स्वाभिमान रैली रवाना हुई।
स्वाभिमान
रैली में महिलायें हाथों में तलवार लिये ‘‘पद्मिनी के सम्मान में, हर
महिला मैदान में’’ जय चित्तौड़ जय जौहर’’ आदि जयघोष लगाते हुए चल रही थी।
स्वाभिमान रैली में मध्यप्रदेष के इंदौर, जबलपुर, रतलाम के साथ ही राजस्थान
के कोटा, भीलवाड़ा, जालौर, उदयपुर सहित अन्य स्थानों की महिलाओं ने भाग
लिया। स्वाभिमान रैली जब दुर्ग के गणेष पोल तक पहुंच चुकी थी तक तब महिलाओं
के समूह का आने का क्रम जारी रहा। सबसे अंत में भीलवाड़ा से आई महिलायें
इस स्वाभिमान रैली में शामिल हुई।
दुर्ग पर विजय स्तम्भ के निकट स्थित जौहर स्थल से दोपहर 1.30 बजे महिलायें
एक रैली के रूप में रवाना हुई। यह स्वाभिमान रैली बड़ी पोल, रामपोल, जोरला
पोल, गणेश पोल, हनुमान पोल, भैरव पोल, पाडन पोल तथा ओछड़ी गेट होते हुए
गांधीनगर में आकाशवाणी रोड़ स्थित जौहर ज्योति मंदिर पहुंचे। यहां सर्व
समाज की ओर से माननीय मुख्य न्यायाधीश के नाम उपखण्ड अधिकारी सुरेश खटीक को
एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में पद्मावत फिल्म को संपूर्ण भारत में बैन
करने की मांग की गई।
प्रशासन ने किये पुख्ता प्रबन्ध
स्वाभिमान रैली को लेकर प्रषासन की ओर से पुख्ता प्रबन्ध किये गये थे। प्रशिक्षु
आईपीएस सुधीर, उपखण्ड अधिकारी सुरेश खटीक, पुलिस वृताधिकारी
गजेन्द्रसिंह जोधा पल पल की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। आधा दर्जन
थानाधिकारियों को जाप्ते के साथ तैनात किया गया था। महिलाओं की संख्या को
देखते हुए बड़ी संख्या में महिला पुलिस अधिकारी एवं महिला पुलिसकर्मियों की
तैनाती भी की गई थी। रविवार के मद्देनजर यातायात दबाव को कम करने के लिए
जगह जगह बेरिकेट्स लगाकर डायवर्जन किया गया था।
महारानी पद्मिनी एक वास्तविकता
जौहर
स्मृति संस्थान की ओर से रविवार को जौहर भवन में महारानी पद्मिनी एक
वास्तविकता विषय पर एक संगोश्ठी आयोजित की गई। संस्थान अध्यक्ष उम्मेदसिंह
धौली की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोश्ठी में विभिन्न क्षेत्रों के
इतिहासकारों ने भाग लिया।
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