जयपुर/भीलवाड़ा। घर में बेटे का जन्म हुआ, खुशियां मनाई जाने लगीं, पर विधाता ने परिवार को कुछ समय के लिए ही ये खुशियां मनाने का अवसर दिया। डॉक्टर ने बेटे को दिल की बीमारी बताई और परिवार गम में डूब गया। आर्थिक स्थिति खराब होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत निशुल्क उपचार की खबर ने परिवार को हौसला दिया और योजना के तहत उपचार पाकर अब बालक पूरी तरह स्वस्थ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केन्द्र और राज्य सरकार की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ पाकर जरूरतमन्द रोगी नई जिन्दगी जीने लगे हैं। राजस्थान प्रदेश में भी सेहत संवारने और रोगियों के इलाज से जुड़ी कई गतिविधियां संचालित हो रही हैं, जिनकी बदौलत बहुत बड़ी संख्या में उन लोगों को नया जीवन मिला है, जिन्होंने आर्थिक तंगी में जिन्दगी की आस तक छोड़ दी थी।
भीलवाड़ा जिले में बिजौलिया क्षेत्र के नयागांव के मोहित (आयु 18 माह) के जन्म के कुछ दिन बाद ही उसके परिवारजनों के पांव तले जमीन खिसक गई, जब डॉक्टरों ने बताया कि मोहित को जन्मजात दिल की बीमारी है। मोहित के पिता अनिल धाकड़ ने भी बताया कि उनके बेटे की थोड़ी दूर चलने के बाद सांसें फूल जाती थीं और वह सामान्य बच्चों की तरह खेल भी नहीं पाता था। अर्थाभाव की विवशता में मोहित के इलाज की चिन्ता सताने लगी और पूरा परिवार अपने नौनिहाल के भविष्य को लेकर चिन्तित हो उठा। खेती-बाड़ी से परिवार चलाने वाले पिता अनिल धाकड़ भी यह सोचकर निराश हो उठे कि अल्प आय के कारण मोहित के दिल का ऑपरेशन कैसे संभव हो पाएगा?
इसी बीच मोहित के घर वालों को उस समय आशा की किरण नजर आई जब उन्हें बताया गया कि सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जन्मजात बीमारी से परेशान 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए निशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेशभर में क्रियान्वित हो रहे इस कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी पाकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत मोबाइल हेल्थ टीम में नियुक्त डॉ. राजेश एवं डॉ. सीमा यादव ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर मोहित का स्वास्थ्य परीक्षण किया और रेफर कार्ड जारी कर जांच एवं उपचार के लिए जिला चिकित्सालय रेफर किया। वहां मोहित की प्रारम्भिक जांच कर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी और आरसीएचओ डॉ. चेतेन्द्रपुरी गोस्वामी एवं अतिरिक्त नोडल अधिकारी डॉ. सोनिया छाबड़ा ने मोहित के आरबीएसके रेफर कार्ड का सत्यापन किया। इसमें पाया गया कि मोहित को दिल में छेद की जन्मजात बीमारी है और उसका शुद्ध रुधिर अशुद्ध रुधिर के साथ मिल रहा है। डॉ. गोस्वामी ने मोहित की स्थिति के बारे में विभागीय निदेशालय को अवगत कराया।
राज्य स्तर से अनुमोदन के बाद मोहित धाकड़ का ऑपरेशन राज्य सरकार के पैनल में शामिल निजी चिकित्सालय मित्तल हॉस्पिटल, अजमेर में किया गया। मोहित अपने परिवार के साथ अब स्वस्थ और खुश है। मोहित के पिता और घरवाले सरकार के इस कार्यक्रम से बेहद प्रफुल्लित और अभिभूत हैं और कहते हैं कि सरकारी सुविधा न होती तो बेटे को लेकर जिन्दगी भर आशंकाओं और चिन्ताओं का दौर बना रहता। पूरा परिवार सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहता है कि आमजन की सेहत की रखवाली के प्रति संवेदनशील रहते हुए बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाली सरकार ही सच्ची सरकार है।
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