कुम्हेर। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा ग्राम पंचायत अभियान के जिला संयोजक और नगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह महरावर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर नवसृजित डीग जिले में कुम्हेर तहसील को शामिल नहीं करने की मांग की हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महरावर ने पत्र में बताया कि भौगोलिक दृष्टि से कुम्हेर तहसील के अधिकांश गांव भरतपुर जिले के नजदीक पड़ते हैं। भरतपुर से आवागमन की सुविधाएं अच्छी हैं क्योंकि भरतपुर संभाग मुख्यालय है। बाजार बड़ा है। सभी सरकारी कार्यालयों में काम के लिए भरतपुर नजदीक पड़ेगा। इसलिए जनता की सहूलियत को देखते हुए कुम्हेर तहसील को भरतपुर जिले में ही रखना चाहिए। डीग जिले के लिए कांमा, नगर, सीकरी और पहाड़ी तहसीलों का एरिया ही काफी हो जाता है।
उन्होंने कहा कि कुम्हेर तहसील का गांव सोगर भरतपुर से 5 किलोमीटर दूर है, जबकि डीग से 40 किलोमीटर है। संता का नगला 6 किलोमीटर दूर है जबकि डीग से 41 किमी, अबार गांव भरतपुर से 7 किलोमीटर दूर है जबकि डीग से 42 किमी, ऊवार भरतपुर से 4 किलोमीटर है और डीग से 39 किमी, रारह भरतपुर से 8 किलोमीटर है डीग से 43 किमी, ताखा भरतपुर से 10 किलोमीटर है डीग से 45 किमी, अजान भरतपुर से 10 किलोमीटर दूर है जबकि डीग से 47 किमी, गुनसारा भरतपुर से 12 किलोमीटर है, डीग से 49 किमी, बोरई भरतपुर से 8 किलोमीटर है डीग से 29 किमी, नगला बोहरा भरतपुर से 9 किलोमीटर दूर है डीग से 30 किमी, नगला जोध सिंह भरतपुर से 7 किलोमीटर दूर है डीग से 30 किमी, सैह भरतपुर से 7 किलोमीटर दूर है डीग से 42 किमी, बाबैन भरतपुर से 8 किलोमीटर दूर है डीग से 43 किमी, हेलक भरतपुर से 10 किलोमीटर दूर है डीग से 45 किमी, सांतरूक भरतपुर से 12 किलोमीटर दूर है डीग से 47 किमी दूर है।
इस तरह भरतपुर से 15 किलोमीटर की दूरी वाले गांव के लोगों को डीग में जोड़ने पर लगभग 40 से 50 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। डीग के लिए साधन का अभाव रहता है। भरतपुर के लिए साधन हर समय चलते हैं। भरतपुर के लिए गांव सह, बाबैन, हेलक, अशोक नगर, पिचगाई, आदर्श नगर, भटावली, आजऊ, पाहुवा, धनवाड़ा, खांसवाड़ा, बनी, चिमनी, सोनेरा, पपरेरा, ताखा, रारह इत्यादि के लिए रेल सुविधा भी है।
डीग के लिए कुम्हेर तहसील के किसी भी गांव से कोई भी रेल सुविधा नहीं है। एक भी गांव से कोई रोडवेज बस डीग के लिए नहीं जाती है।
सगाई संबंध और विवाह शादी, कारज इत्यादि का सामान लेने के लिए भी अधिकांश लोग भरतपुर जाते हैं। उसी समय सरकारी कामकाज भी करके ला सकते हैं। एक साथ दो काम हो जाएंगे अन्यथा सरकारी कामकाज के लिए अलग दिन जाना पड़ेगा। सामान खरीदने के लिए कुम्हेर वालों को भरतपुर जाना पड़ेगा। सरकारी कार्य और कोर्ट कचहरी के लिए डीग जाना पड़ेगा। दो तरह की मार लोगों पर पड़ेगी। इन सभी चीजों को देखते हुए कुम्हेर तहसील को भरतपुर में ही रखने से सहूलियत मिलेगी। यदि हमारी मांग पर गौर नहीं किया गया तो हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
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