भरतपुर। अखिल भारतीय ग्रामीण डाक कर्मचारी यूनियन के बैनर तले ग्रामीण डाक सेवकों अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। इस दौरान डाक सेवकों ने प्रधान डाकघर पर विरोध प्रदर्शन किया तथा मांगों के लिए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हड़ताल के कारण गांवों में डाक व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर प्रभुदयाल शर्मां ने कहा कि ग्रामीण डाक कर्मचारी भारतीय डाक विभाग की नींव है, लेकिन उनका निरंतर शोषण हो रहा है। उन्हें 8 हजार रुपए से 10 हजार रुपए मासिक वेतनमान दिया जा रहा है। इससे प्रत्येक डाककर्मी मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को तुरंत लागू करने, कार्य का समय 8 घंटे करने एवं कमलेश चंद्र कमेटी की रिपोर्ट लागू की जाए। तीनों मांगों को नहीं मानने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। डाकसेवकों की हड़ताल के कारण गांवों में शुक्रवार को भी डाक सेवा ठप रही। इससे लोगों को जरूरी डाक नहीं मिली, वहीं विधवा, वृद्धावस्था, विकलांग अन्य पेंशनधारियों के मनी आर्डर अटक गए। डाक सेवा ठप होने से गांवों में लोगों को परेशानी हुई।
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