भरतपुर। जिला अस्पताल में गर्मी के चलते मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या बढने लगी है। जिन्हे दूसरे वार्डों में भी शिफ्ट करना पडता है। जिससे वार्ड फुल होने लगे हैं। इसके चलते सर्जीकल के मरीजों को परेशान होना पड़ता है। जिला अस्पताल में गर्मी के चलते डायरिया, उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या काफी बढ गई है। हालात यह हैं कि ऐसे मरीजों के लिए बना मेडिकल वार्ड हरदम फुल बना रहता है। जिससे उसके मरीजों को दूसरे वार्डो में शिफ्ट करना पड़ता है। अब दूसरे वार्ड में भी मेडिकल के मरीजों के चलते बैड फुल होने लगे हैं। जिससे अन्य बीमारियों व दुर्घटना से पीड़ित मरीजों को अस्पताल पंहुचने पर बेड के लिए परेशान होना पड़ता है अस्पताल स्टाफ के द्वारा मरीजों के लिए की वार्डों में व्यवस्था करनी पड़ती है। कई बार तो वार्ड में जगह बनाने के लिए अस्पताल से मरीजों को डिस्चार्ज भी करना पड़ता है। अस्पताल में मरीजों के लिए कहने को वार्ड नम्बर 3 बिल्कुल खाली पडा है। लेकिन इसके बारे में बोलते हुए अस्पताल के पीएमओ श्याम सुन्दर शर्मा का कहना है कि जिला अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। विभाग के द्वारा कर्द पद समाप्त कर दिये गये है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अस्पताल के पास नर्सिंग स्टाफ की कमी भी है। वहीं रिक्त हुए कुछ पदों पर नई भर्तियां नहीं की जा रही है। जिससे वार्ड 3 को खोलनें में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर स्टाफ उन्हे मिल जाए जो मरीजों के लिए आसानी हो सकती है। वहीं मेडिकल के भर्ती मरीजों के बारे में उनका कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने के लिए कुछ मरीज दवाब बनाते हैं। जबकि उनमें से कुछ मरीजों की हालत भर्ती करने लायक भी नहीं होती।
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