भरतपुर। ब्रह्म परशुराम अखाडा के तत्वावधान में निकाले जाने वाली भगवान श्री परशुराम रथयात्रा का श्री ब्राहमण धर्मशाला पर भव्य स्वागत किया गया। ब्रह्म परशुराम अखाडा के अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर ने कहा कि भगवान परशुराम शास्त्रों के ज्ञाता थे परन्तु समय, काल परिस्थितियों को देखते हुए कवि शास्त्र के साथ शस्त्र उठाने की जरूरत पडे तो वे कभी पीछे नहीं रहे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भगवान परशुराम ने 21 बार अनाचारी, अत्याचारियों का संहार कर पृथ्वी को मुक्त कराया। यह यात्रा 5 मार्च को झुन्झुनूॅ से प्रारमभ होकर 21 अक्टूबर को हरियाणा के कुरूक्षेत्र में समाप्त होगी। उन्हेांने बताया कि भारत के 687 जिलों व 4000 तहसील मुख्यालयेां पर यह यात्रा जावेगी जिसकी दूरी एक लाख ग्यारह हजार किलोमीटर होगी। इसमें करीब 7 लाख विप्र बन्धुओं से सम्पर्क होगा। यात्रा के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए आचार्य ने बताया कि भगवान परशुराम के जीवन चरित्र के बारे में सभी विप्रजनों को बताना ही यात्रा का महासम्पर्क अभियान हेै।
सभी ब्राहमण संगठनों को एक करना व सभी एक दूसरे के सम्पर्क में आ सकें, देश में सभी ब्राहमण बन्धुओं को एक सम्पर्क सूत्र में एकत्रित करना। यात्रा का मुख्य उद्देश्य विप्र बन्धुओं की हैल्प लाइन की स्थापना करना है इससे शिक्षा के क्षेत्र, रोजगार, आवास, सुरक्षा व सामूहिक व आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में यह हैल्प लाइन काम करेगी। साथ ही कार्यक्रम में रथयात्रा के व्यवस्थापक श्री नंद कुमार शर्मा तथा विशिष्ठ अतिथि के रूप में गिरधारी तिवारी, यतीश कुमार शर्मा तथा अखंड ज्योति संस्थान मथुरा के ट्रस्टी रमेश चंद पाराशर व प्रधानाचार्य गोपाल प्रसाद शास्त्री थे। कार्यक्रम की शुरूआत में रथयात्रा का उपस्थित सभी विप्रजनों ने भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा आचार्यगणों का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद धर्मशाला के अंदर अतिथियेां द्वारा भगवान श्री परशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर, चंदन लगाकर, माल्यार्पण किया तथा प्रधान आचार्य गोपाल शास्त्री के साथ 21 विप्र पंडितों ने भगवान परशुराम की वेद मंत्र तथा परशुराम स्त्रोत से आरती की।
इसके बाद श्री ब्राहमण सभा के जिलाध्यक्ष कौशलेश शर्मा ने आचार्यगणों को माला, दुपट्टा, शाॅल और प्रतीक चिंह भेंट कर सम्मान किया। अपने स्वागत उदबोधन में कौशलेश शर्मा ने सभी विप्र संगठनों को एक मंच पर आकर अपने समाज की उन्नति में सहयोग देते हुए सर्व समाज को साथ लेकर चलने की बात कही। रमेश चंद पाराशर ने अपने उदबोधन में भगवान परशुराम भी चिरंजीवी अवतार हैं इनको जागृत करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में पंडित धनेश चंद शर्मा, मनोज तिवारी, संजय पाण्डे, सुजय कुमार शर्मा, कृष्ण कुमार शर्मा, दीपक लवानियां, बलदेव स्वरूप मुदगल, अवधेश कुमार शर्मा, भुवन मोहन शर्मा, गंगाराम पाराशर, राजेन्द्र भारद्वाज, हरीचरन लाल शर्मा, लक्ष्मन पाठक, मनोज भारद्वाज, गिरिजाशंकर शर्मा, बनवारी लाल शर्मा, पं प्रेमी शर्मा, बाबूलाल कटारा, प्रहलाद शर्मा, रमेश चंद शर्मा, ववीता शर्मा, सर्वेश शर्मा,शिवदत्त शर्मा, आदित्य त्रिगुणायत, नैमीचंद शर्मा, सुरेश कुमार शर्मा, पुष्पेन्द्र लवानियां, पवन पाराशर, आनंद बिहारी भारद्वाज, वैध लक्ष्मण तिवारी, राजेश कटारा, वैध ब्रजभूषण शर्मा, उमाशंकर शर्मा, खेमचंद शर्मा, विनोद उपाध्याय वेदो, आदि काफी संख्या में विप्रजनों ने भाग लिया। आभार नेमीचंद शर्मा ने व्यक्त किया तथा संचालन डाॅ. सुशील पाराशर ने व्यक्त किया।
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