भरतपुर। सोमवार से सेवारत चिकित्सकों की प्रस्तावित हडताल जिला आरबीएम अस्पताल तथा जनाना अस्पताल के चिकित्सकों के ड्यूटी पर आने से भरतपुर शहर में बेअसर रही। ग्रामीण क्षेत्रों में 177 मे से 112 चिकित्सकों के हडताल में शामिल होने से हडताल का असर दिखायी दिया । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गत दिनों पुलिस द्वारा तीन चिकित्सकों को गिरफ्तार कर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शहर द्वारा 1 करोड के जमानती मुचलके दिये जाने के आदेश के बाद न्यायायिक अभिरक्षा सेवर जेल जाने के बाद सोमवार को भी जमानत नहीं होने के कारण शहर के डाक्टरों में गिरफ्तार होने का खौफ बैठ गया। जिसकी वजह से माना जा रहा है कि आरबीएम एवं जनाना हाॅस्पीटल में डाक्टर डयूटी पर आ गये। इस मामले में इण्डियन मेडकल एसोसिएसन एवं प्राईवेट डाॅक्टर्स एसोसिएसन के द्वारा सेवारत चिकित्सकों की न्यायोचित मांगों का समर्थन किया गया। सरकार सेअपील करते हुए कहा कि
जिन मांगों पर पूर्व में सहमति बन चुकी है उन्हें तुरन्त प्रभाव से क्रियान्वित किया जाये। साथ ही शान्तिपूर्वक आन्दोलन कर रहे चिकित्सकों के खिलाफ दमनकारी कार्यवाही का विरोध करते हुए कहा है कि गिरफ्तार अथवा स्थानान्तरित किये गए चिकित्सकों को छोडने तथा पुनःस्थापित किया जाए।
सोमवार सुबह जिला आरबीएम अस्पताल तथा जनाना अस्पताल में मरीज अपने रोग का इलाज लेने पहुंचे तो चिकित्सकों में से अधिकतम चिकित्सक नदारद मिले।बताया जा रहा है कि रविवार को ही सभी चिकित्सकों ने हडताल पर जाने का मन बनाया था लेकिन कुछ चिकित्सकों के जिला आरबीएम अस्पताल में पंहुचने पर जब अन्य डाक्टरों को इसका पता चला तो डाक्टरों के संगठन में फूट पड गई। इसी बीच चिकित्सकों की हडताल की जानकारी लेने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर दिनेश जांगिड खुद जिला आरबीएम अस्पताल पंहुचे। वहीं पुलिस प्रशासन के द्वारा भी अनुपस्थित चल रहे डाक्टरों की जानकारी ली जाने लगी। जिसकी सूचना मिलने पर सभी चिकित्सकों के द्वारा अस्पताल अपनी ड्यूूटी पर आना शुरू कर दिया गया।
हालत यह रही कि दोपहर 12 बजते बजते सभी चिकित्सकअपने कार्य पर लौट आये। जिससे मरीजों को भी राहत मिली। शुक्रवार देर रात्रि को गिरफ्तार तीन चिकित्सकों से जमानत के तोैर पर 1 करोड रूपये के जमानती मुचलके मांग गए थे। जिसकी व्यवस्था ना करने पर उन्है जेल जाना पडा था। जिनकी सोमवार पहर तक जमानत नही हो सकी है। इसका डर भी भी एक अहम कारण बताया जा रहा है कि जिन चिकित्सकों ने सुबह जिला आरबीएम में ड्यूटी ज्वाइन की थी उन्हें भय था कि पुलिस के द्वारा गिरफ्तारी करने के बाद वे अपनी जमानत देने में असमर्थ रहेंगे। यह डर भी चिकित्सकों की हडताल विफलहोने का एक कारण बना। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश चिकित्सक हडतालपर रहे। लेकिन जिला मुख्यालय के अस्पतालों में चिकित्सकों के कार्य पर आने का असर उन चिकित्सकों पर भी पडने की पूरी संभावना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ गोपाल शर्मा ने बताया कि चिकित्सकों की हडताल को देखते हुए सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी, पीएचसी पर कार्यरत 177 चिकित्सकों में से 112 डाॅक्टर हडताल पर रहे केवल 65 डाक्टर डयूटी पर आये थे। मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए चिकित्सालयों में वैकल्पिक इन्जाम करते हुए आयुष चिकित्सक, सेवानिर्वत चिकित्सक एवं सरकारी चिकित्सकों को लगाया गया है।
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