भरतपुर। बयाना नगर पालिका में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्षदों में भाजपा की सभापति के प्रति आक्रोश है। भ्रष्टाचार में लिप्त होने और विकास कार्य में रुकावट डालने का आरोप लगाते हुए बयाना नगर पालिका के 21 पार्षदों ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नगर पालिका बयाना के बोर्ड के 25 में से 21 पार्षदों ने आज लिखित में कलेक्टर को अविश्वास पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि बयाना नगरपालिका की सभापति मीना जाटव को वर्ष 2015 में सभापति पद पर निर्वाचित किया था। मीना देवी को पार्षदों ने इस उद्देश्य सभापति निर्वाचित किया था कि वे बयाना का विकास करयाएंगी, लेकिन उन्होंने सभापति की कुर्सी पर बैठने के बाद से ही भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया और बयाना को विकास के नाम पर शून्य बना दिया। बयाना में उनके कार्यकाल में अभी तक कोई भी विकास कार्य नहीं हुए हैं।
10 पार्षद भाजपा के
पार्षदों ने सभापति पर आरोप लगाया है कि बोर्ड को बने हुए दो साल से अधिक समय हो गया, लेकिन अभी तक एक भी नगर पालिका की बोर्ड मीटिंग नहीं हुई है, जिससे विकास कार्यों पर भी चर्चा हो सके। पार्षदों ने जनता के हित में और विकास कार्यों में रुकावट डालने पर सभापति मीना जाटव को अपदस्थ घोषित करने की जिला कलेक्टर से मांग की। बता दें कि मीना देवी भाजपा की सभापति हैं और अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों में भी 10 पार्षद भाजपा के हैं।
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