खासतौर से दुर्घटना में चोटग्रस्त होकर आने वाले मरीजों को यहां लाया जाता
है, लेकिन अपनी सीट पर ना तो डॉक्टर मिलता है और ना ही कंपाउंडर। थकहार कर
मरीज निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर होता है। ये भी पढ़ें - वचन निभाने को लड़ते हुए दो बार दी थी इस वीर ने जान!
सीमा हैदर-सचिन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, कोर्ट ने जेवर थाने से मांगी रिपोर्ट
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
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