जयपुर। विदेशों में भले ही राजस्थानी भाषा पर आधारित संगीत कला को समझने में परेशानी महसूस होती हो, लेकिन इसमें मौजूद सुर-ताल ने विश्व मानचित्र पर राजस्थानी संगीत कला की अमिट छाप छोड़ी है। राजस्थान कला, संगीत और संस्कृति की इस खुशबू को धोद ग्रुप भी धीरे-धीरे बढ़ा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विदेशों में राजस्थान कला संगीत का परचम लहराने वाले राजस्थान सांस्कृतिक राजदूत के नाम से मशहूर धोद ग्रुप की ओर से जयपुर में पहली बार 13 दिसंबर को एक कंसर्ट का आयोजन किया जाएगा। इस कंसर्ट में धोद ग्रुप के 22 कलाकारों की ओर से राजस्थानी कला संस्कृति पर आधारित नृत्य, गायन, तबलावादन, ब्रासबैंड समेत अन्य आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएगी। इस पूरे कार्यक्रम का डिजीटल मीडिया पार्टनर खासखबर डाॅट काॅम है। आपको बता दे कि डीएनए और जी राजस्थान न्यूज चैनल की तरफ से यह आयोजन होटल होलीडे इन में होगा।
वाइब्रेंट एंटरटेनमेंट की एमडी मीना गुप्ता ने बताया कि इस कंसर्ट में मशहूर राजस्थान कलाकार रईस भारती, अमृत हुसैन, संजय खान समेत जापान से आई कलाकार कोको अयूमी फुजीसाकी और 9 साल की कुरू बच्ची की ओर से आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएगी।
मीना गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम मेें राजस्थान कला संस्कृति पर आधारित गीत बेघा घरां आओ बालम, देश-विदेश नुंता आवे दुनिया भर में धोद जावे पर गीत तैयार किया गया है। इस गीत पर सभी कलाकार अपनी परफोरमेंन्स देंगे।
16 साल पहले की स्थापना
ग्रुप के निदेशक रईस भारती के मुताबिक धोद ग्रुप की 16 साल पहले यानि 2001 में स्थापना की गई थी। 16 साल में गु्रप की ओर से 95 देशों में राजस्थानी संगीत कला की 1100 से ज्यादा परफोरमेंन्स दी जा चुकी है। खास तो बात ये है कि इस ग्रुप के राजस्थान के छोटे से छोटे गांव के 1500 से ज्यादा कलाकारों ने राजस्थान कला का प्रदर्शन किया है।
इटली, यूएस, जापान के कई विदेशी कलाकार हुए शामिल
ग्रुप के निदेशक रईस भारती के मुताबिक उनका यह धोद ग्रुप राजस्थान संस्कृति को समर्पित है। इसी के चलते धोद ग्रुप ने विदेशों में फेमस पाॅप सिंगर, राॅक स्टार्स के बीच जाकर पहले अपनी पैठ बनाई और बाद में धाक जमाते हुए राजस्थानी कला संगीत के रंग बिखेरे हैं। राजस्थानी संगीत के सुर-ताल से अभिभूत होकर इटली, यूएस, जापान समेत कई देशों के विदेशी कलाकार भी इस ग्रुप में शामिल हो गए। अब यही विदेशी कलाकार पाॅप सिंगिंग के साथ-साथ राजस्थानी संगीत कला को एक शहर से दूसरे शहर में पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। खास बात ये है कि इसमें बड़े तो बड़े बच्चे भी बड़े उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं।
पाॅप सिंगिंग-डांसिंग को छोड़ अपनाया राजस्थानी संगीत
वहीं डीएनए की ईवेंट हेड नीलम सक्सेना ने बताया कि राजस्थान संगीत कला के प्रति कायल होेकर जापान की कलाकार कोको अयूमी फुजीसाकी और कुरू नाम की 9 वर्षीय नन्हीं कलाकार भी खुद परिधानों में ढल गई। दोनों विदेशी कलाकारों को राजस्थानी गीत-संगीत ऐसा रास आया कि उन्होंने पाॅप सिंगिंग और डांसिंग छोड़कर पहले खुद राजस्थानी नृत्य सीखा और अब दुनिया में अपनी परफोरमेंन्स के जरिए छाप छोड़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पेरिस में दी परफोरमेंन्स
खास बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान स्वागत में धोद ग्रुप के कलाकारों भी केसरिया बालम पधारो म्हारे देश गीत पर अपनी परफोरमेंन्स दी थी। यही नहीं, इंग्लैड की क्वीन एलिजाबेथ के लिए राजस्थान धोद ग्रुप के कलाकारों ने गायन, वादन, नृत्य, ब्रास बैंड और तबला वादन के जरिए अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी थी।
राजस्थान के गांव के नाम पर रखा ग्रुप का नाम रखा धोद
निदेशक और कलाकार रईस भारती के मुताबिक धोद राजस्थान के सीकर का एक छोटा सा गांव है। गांव की आबादी करीब 20-25 हजार है। धोद गांव के नाम पर ही इस ग्रुप का नाम रखा गया है। कलाकार रईस भारती ने अपने भाई तबला वादक अमृत हुसैन और गायक संजय खान के साथ मिलकर यह ग्रुप बनाया और उसके बाद धीरे-धीरे गांव से अन्य छोटे-छोटे राजस्थानी कलाकारों को अपने साथ शामिल किया। रईस भारती की मानें तो आज उनके ग्रुप में 40 से ज्यादा कलाकार शामिल हैं जो कई साल से विदेशों में राजस्थानी कला संगीत को उंचाई पर ले जाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
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