भरतपुर। परिवहन विभाग ने जिले भर में विशेष जॉच अभियान चलाकर 200 ट्रकों को सीज किया है। इन ट्रकों ने टैक्स जमा नहीं कराया था।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जगदीश प्रसाद बैरवा ने बताया कि बिना टैक्स चुकाए चल रहे ट्रकों की धर-पकड के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 13559 वाहनों के विरूद्व ई-रवन्ना के चालान माइन्स विभाग की वेबसाइट से दर्ज होकर परिवहन विभाग को प्राप्त हुए हैं। ई-रवन्ना के चालानों से संबधित सभी वाहन मालिकों को नियमानुसार सुनवाई का उचित अवसर देने हेतु वाहन स्वामियों को नोटिस जारी किये जा चुके हैं। किन्तु वाहन स्वामियों के द्वारा एमनेस्टी योजनान्तर्गत ई-रवन्ना के चालानों के निस्तारण में अपेक्षित रूचि नहीं ली जा रही है। अब परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को सीज करने की तैयारी कर ली है।
ई-रवन्ना के मामलों में ट्रैक्टर मालिकों द्वारा विशेष रूचि दिखायी जा रही है।
अब तक 478 ट्रैक्टर मालिकों द्वारा 23 लाख 90 हजार की राशि परिवहन विभाग में जमा कराई जा चुकी है। एमनेस्टी योजना में ट्रैक्टर के प्रकरणों में अधिकतम जुर्माना 7500 रूपए निर्धारित है। इसलिए ट्रैक्टर मालिकों द्वारा ई-रवन्ना चालानों का निस्तारण तेजी से कराया जा रहा है। अब तक 738 वाहनों के ई-रवन्ना चालानों का निस्तारण हो चुका है। इससे परिवहन विभाग को 37 लाख रूपए से अधिक राशि प्राप्त हो चुकी है।
ई-रवन्ना के मामलों में ऐसा भी देखने को मिला है कि कुछ वाहन स्वामियों के द्वारा ई-रवन्ना के प्रकरणों का निस्तारण न्यायालय में कराया जा रहा है। जबकि एमनेस्टी योजना के तहत उनका निस्तारण कम राशि में भी हो सकता था। एक मामले में वाहन स्वामी के द्वारा प्रकरण के निस्तारण के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जबकि उक्त वाहन स्वामी के ट्रैक्टर के चालानों का एमनेस्टी योजना में निस्तारण मात्र 3750 रूपए में हो सकता था। जबकि न्यायालय द्वारा पारित निर्णय मेें 7000 रूपए का जुर्माना भरना पडा है।
ई-रवन्ना के मामलों में कुछ बाहरी व्यक्तियों द्वारा वाहन स्वामियों को गुमराह किया जाकर उन्हें बढा-चढा कर जुर्माना राशि बताई जा रही है। जबकि ट्रैक्टर की राशि किसी भी स्थिति में 7500 से अधिक नहीं हो सकती बल्कि इससे कम हो सकती है। अतः समस्त वाहन स्वामियों से अपील की जाती है कि ई-रवन्ना के मामलों में एक बार कार्यालय में जिला परिवहन अधिकारी से सम्पर्क कर एमनेस्टी योजना अन्तर्गत अधिकतम वसूली योग्य प्रशमन राशि की सही जानकारी प्राप्त कर लें। समय पर अपने चालनों का निस्तारण करवा लें।
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