बाड़मेर।
शहर की विशेष अदालत ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल
कठोर कैद की सजा सुनाई है। बालिका के पिता ने आरोपी पूनाराम व गुडिया पर
उसकी बेटी का अपहरण करने की प्राथमिकी 23 अप्रैल 2013 को दर्ज कराई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पुलिस थाना समदड़ी द्वारा बाद अनुसंधान मुलजिम पुनाराम
पुत्र अमराराम जाति साहूकार (साटीया) व मुलजिमा श्रीमती गुडीया पत्नी
सायरराम मेघवाल के विरूद्ध न्यायालय माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय बालोतरा
में प्रस्तुत किया गया जहां पर उक्त मुलजिमानों में से मुलजिम पूनाराम को
अन्तर्गत धारा 376 (2) (प्), 376 (डी),363, 366 ए, 120 बी, भादस व 3/4 व 5
(जी) 6 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 व मुलजिमा गुडीया
का अन्तर्गत धारा 120 बी भादस व 16/17 पोक्सो एक्ट के तहत आरोप सुनाये गये।
न्यायालय में अभियोजन पक्ष द्वारा समस्त गवाहानेां के बयान करवाये गये,
न्यायालय द्वारा बयान मुलजिम लिये गये, बहस अंतिम सुनी गई। दौराने बहस
मुलजिमान पुनाराम व गुड्डी के अधिवक्तागण ने बताया कि मुलजिमान के विरूद्ध
कोई आरोप सिद्ध होना नहीं पाया जाता है लिहाजा इन्हें बाईज्जत बरी किया
जाये राज्य सरकार की ओर से विषिष्ठ लोक अभियोजक सवाई माहेष्वरी ने दौरान
बहस बताया कि अभियोजन पक्ष ने उक्त प्रकरण को पूर्ण रूप से साबित किया है।
लिहाजा मुलजिमानों को उक्त प्रकरण में कड़ी से कड़ी सजा दी जायें, न्यायालय
द्वारा दोनों पक्षो को सुना गया बाद सुनवाई न्यायालय द्वारा मुलजिमान
गुडीया को समस्त आरोपों से मुक्त किया गया तथा मुलजिम पूनाराम पुत्र
अमराराम जाति साहूकार (साटीया) निवासी रामपुरा पुलिस थाना समदड़ी को
अन्तर्गत धारा 376 (डी) भादस में दोष सिद्ध करते हुए 20 वर्ष के कठोर
कारावास व पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। मुलजिम को धारा
3/4 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत सात वर्ष की
साधारण कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
मुलजिम को धारा 5 (जी) 6 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012
के अन्तर्गत दस वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से
दण्डित किया गया। उपरोक्त समस्त सजाएं साथ साथ चलेगी। सरकार की
ओर से विषिष्ठ लेाक अभियोजक सवाई माहेश्वरी अनुसूचित जाति एवं जनजाति
अत्याचार निवारण प्रकरण/पोक्सो अधिनियम ने पैरवी की तथा मुलजिम पूनाराम की
ओर वी.एस. राठौड़ एवं मुलजिम स्वयं द्वारा पैरवी की गई।
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