बारां। कवाई के डूंगरी बहरावदा माताजी के मेले में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक पंडित मुकुट बिहारी शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा एक वृहद ग्रन्थ है जिसमें 4 वेद, 6 शास्त्रों एवं 18 पुराणों का समावेश है।
भागवत कथा एक कल्प वृक्ष की तरह है जिसकी छाँव में बैठने से जीव को परम शान्ति की प्राप्ति होती है। जीव अलौकिक आनन्द को प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि भक्ति हमें शीलता प्रदान करती है। यदि भक्ति को प्राप्त करके जीवन में शीलता नहीं आयी तो ऐसी भक्ति करने का कोई औचित्य नहीं है। भजन से आत्मा पुष्ट होती है। मन को पवित्र करने का एक भजन ही साधन है। राधे तेरे चरणों की अगर धूल मिल जाए भजन पर श्रोता झूमे।
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