बारां। प्रदेश की निजी शिक्षण संस्थाएं शिक्षा विभाग द्वारा जारी फीस अधिनियम के नोटिस का जवाब नहीं देंगी। यह निर्णय राजस्थान प्राइवेट एज्युकेशन एसोसिएशन की प्रान्तीय बैठक में लिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक में भाग लेकर लौटे प्रदेश प्रभारी प्रमोद शर्मा एडवोकेट ने बताया कि निजी स्कूल संचालकों व एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध करते हुए नोटिस का बहिष्कार किया।
अजमेर के इन्डोर स्टेडियम में प्रदेशाध्यक्ष कैलाशचंद शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में निजी स्कूलों में आने वाली विभिन्न समस्याओं, फीस निर्धारण समिति का गठन, बोर्ड की मान्यता आने वाले परेशानी आदि को प्रमुखता से उठाया गया। जिनके निराकरण के लिए विचार किया गया। बैठक में प्रदेश प्रभारी शर्मा ने सभी संगठनों को एकजुटता से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार निजी स्कूलों का अस्तित्व समाप्त करने पर तुली है। इसलिए इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम की वरीयता सूची भी जारी नहीं की गई। इसके लिए संगठन की ओर से सरकार को दो माह का समय दिया गया है। साथ ही आरटीई का समय पर शीघ्र भुगतान करने की मांग रखी।
बैठक में बारां से पूर्व जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न वर्मा, पदम अग्रवाल, महेंद्र शर्मा, रमेशचंद गौड़ व ओम पंचैली भी शामिल हुए। जिन्होंने भी निजी स्कूलों की समस्याएं उठाई। बैठक में अजमेर, भरतपुर, कोटा, बारां, झालावाड़, चितौड़गढ़, टोंक, नागौर, जयुपर, धौलपुर, बूंदी आदि जिलों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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