बारां। सरकार द्वारा पहली बार कपडा कारोबार को जीएसटी के दायरे में लिए
जाने के विरोध में प्रदेश भर के कपडा व्यापारियों के आह्वान पर बुधवार को
बारां में दूसरे दिन भी बंद रखा गया। जिला मुख्यालय सहित जिले के अंता, मांगरोल, छबडा, छीपाबडौद, किशनगंज,
शाहबाद, अटरू, कवाई आदि क्षेत्रों में भी कपडा व्यापारियों ने अपने कारोबार पूरी तरह बंद रखते हुए पुलिस
कंट्रोल रूम के बाहर धरना दिया । दिन भर जीएसटी के खिलाफ आक्रोशित नारेबाजी
की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कपडा व्यापार समिति के प्रवक्ता श्याम जोशी ने बताया कि कपडा व्यवसायी
सरकार की कपडा नीति को लेकर काफी नाराज है। 70 वर्ष में पहली बार कपडा
व्यवसाईयों को टेक्स के दायरे में शामिल कर कारोबार पर प्रहार किया है।
जिसे प्रदेश का कपडा व्यापारी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही करेगा।
प्रवक्ता ने दावा करते हुए बताया कि पूरे जिले से बंद पूरी तरह सफल रहने के
समाचार है। दूसरे दिन कारोबार बाधित रहने से जिले भर में डेढ करोड से अधिक
का कपडा कारोबार प्रभावित रहा। हालांकि कपडा व्यापारियों ने अपने सामाजिक
दायित्वों का निर्वहन करते हुए मृतकों हेतु निशुल्क कफन के लिए व्यवस्था कर
जन सेवा की अपनी परंपरा को कायम रखा।
बुधवार सुबह से ही शहर के पुलिस
कंट्रोल रूम के बाहर चले धरने को कपडा व्यापार संघर्ष समिति अध्यक्ष
चंद्रप्रकाश विजय, व्यापार महासंघ अध्यक्ष ललितमोहन खंडेलवाल, अध्यक्ष
सुरेश गोयल, संघर्ष समिति सदस्य रामचन्द्र झाम्ब, मनोहर गाठाणी, पदम
पिपलानी, प्रदीप जैन, धीरज हल्दिया आदि ने संबोधित करते हुए जीएसटी का डटकर
विरोध करने सहित आंदोलन को परिणाम तक पहुंचाने का संकल्प व्यक्त किया।
धरने में माजिद सलीम, मुश्ताक भाई, नवीन गर्ग, सुरेश के नेतृत्व में 130
व्यापारियों ने अपनी उपस्थिति व्यक्त की।
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