बारां। ग्राम रटावद में श्री हनुमानजी मंदिर में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक पंडित मुकुट बिहारी शास्त्री ने कहा कि इन्द्र को अपनी शक्ति का अहंकार हो गया था। उसके अभिमान को तोड़ने के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन लीला रची और अपनी अंगुली पर पर्वत धारण कर लिया। ज्ञान, मान, धन-दौलत, संपत्ति का कभी अभिमान मत करो, क्योंकि इनमें से कोई भी स्थायी रहने वाली नहीं है। इसलिए मन के अन्दर छिपे अहंकार को बाहर निकालो। विनम्र रहो और सद्कर्म करो। उन्होंने कहा कि कथा हर जगह नया श्रृंगार करती है। जरा सोचो आज चारों और रिश्वत का बोलबाला है। पैसा सब खा रहे हैं, लेकिन पचाया किसने। ईश्वर ने दाल-रोटी से ज्यादा जो दिया वह अगला जन्म परलोक सुधारने के लिए दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें सत्य का साक्षात्कार कराती है। हम समय नष्ट करेंगे तो समय हमें नष्ट कर देगा, क्योंकि बीता हुआ एक क्षण करोड़ रुपए देकर भी नहीं खरीदा जा सकता, इसलिए समय का सदुपयोग करो। शुक्रवार को कथा पांडाल में अपार भीड़ दिखाई दी। कथा के मुख्य यजमान कांग्रेस प्रकोष्ठ प्रदेश सचिव शिवराज मीना ने बताया कि यह आयोजन जन सहयोग से हो रहा है।
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