जयपुर/बारां। जल्द ही राजस्थान, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली के बीच अन्तरराज्यीय जल विवादों को दूर किया जाएगा। इससे राजस्थान सहित अन्य राज्यों को अपने-अपने हक का पूरा पानी मिलेगा। यह बात केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बारां में सरकार की चौथी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में 6490 करोड़ की महत्वाकांक्षी परवन बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के शिलान्यास सहित 8487 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि यमुना के सरप्लस पानी का उपयोग राजस्थान कर सके, इसके लिए वे योजना पर काम कर रहे हैं। नर्मदा के पानी के लिए भी उनका मंत्रालय हर संभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-जयपुर ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे शीघ्र बनेगा। इसके लिए जमीन अवाप्ति का काम जल्द शुरू होगा। एक साल में जयपुर रिंग रोड का काम पूरा हो जाएगा।
राजस्थान करा सकेगा आईजीएनपी की मरम्मत
गडकरी ने कहा कि राजस्थान इन्दिरा गांधी नहर कैनाल की शीघ्र मरम्मत करवा सकेगा। इसके लिए आवश्यक एनओसी शीघ्र जारी होगी। इस संबंध में उनकी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से चर्चा हो चुकी है।
बायो ईंधन से बढ़ेगी किसानों की आय
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने एथेनॉल तथा बायो ईंधन के उपयोग की योजना तैयार की है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और पेट्रोलियम पदार्थों के उपयोग और आयात में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार भी इस संबंध में नीति बनाकर प्रदेश के किसानों को लाभ पहुंचा सकती है। गडकरी ने कहा कि अब नहरों के लिए किसानों की जमीन अवाप्त नहीं होगी, बल्कि भूमिगत लाइन डालकर पानी लाया जाएगा और ड्रिप पद्धति से खेती होगी। इससे जल की बड़ी बचत होगी और उत्पादन में भारी वृद्धि से किसानों की आय बढ़ेगी।
परवन पर 50 साल तक हुई राजनीति, हमने परवान चढ़ाई : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हाड़ौती की लाइफलाइन परवन सिंचाई परियोजना के नाम पर 50 साल से राजनीति होती रही, वादे कर लोगों के साथ छल किया गया, लेकिन यह परवान नहीं चढ़ पाई। हमारी सरकार ने इसे हकीकत में बदलने के लिए दिन-रात एक कर दिया और नतीजा आज आप आपके सामने है। परवन का पानी अब जल्द ही हाड़ौती के कोटा, बूंदी और बारां जिले के लाखों किसानों को सरसब्ज करेगा और यहां के सैकड़ों गांवों की प्यास बुझाएगा।
परवन बदलेगी हाड़ौती की भाग्यरेखा
राजे ने कहा कि परवन सिंचाई परियोजना पूरा होने पर यह बारां, झालावाड़ और कोटा जिले के लिए जीवनरेखा बनेगी। इस परियोजना में बनने वाले बांध की भराव क्षमता 490 मिलियन घन मीटर है। इसके पूरा होने से 317 मिलियन घनमीटर पानी सिंचाई के लिए मिलने लगेगा। परियोजना का पहला चरण पूरा होने पर बारां के 194, झालावाड़ के 81 और कोटा जिले के 38 सहित कुल 313 गांवों की 1 लाख 31 हजार 400 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि परियोजना का दूसरा चरण पूरा होने पर बारां के 118, झालावाड़ के 36 और कोटा के 170 सहित कुल 324 अतिरिक्त गांवों की 70 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना में सिंचाई जल का उपयोग बूंद-बूंद और फव्वारा पद्धति से किया जाएगा। सिंचाई के साथ-साथ इस परियोजना से पेयजल की सुविधा भी मिलेगी। परियोजना से 50 मिलियन घन मीटर पानी बारां, झालावाड़ व कोटा जिले के 1 हजार 821 गांवों की प्यास बुझाएगा। इस परियोजना से शेरगढ़ अभयारण्य को 16 मिलियन घन मीटर पानी मिलेगा। परियोजना के 79 मिलियन घनमीटर जल से 2970 मेगावाट तापीय विद्युत उत्पादन हो सकेगा।
सिंचाई तंत्र को बनाया मजबूत
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