ब्यावर(अजमेर)। बेटे के नहीं होने का फर्ज दो बेटियों ने अदा किया। उन्होंने न सिर्फ अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया बल्कि उनका अंतिम संस्कार भी किया। ब्यावर शहर की अम्बेडकर कॉलोनी गणेशपूरा आश्रम स्कूल के पास रहने वाले अध्यापक बिजराज जूनवाल (52) की बेटियों ने यह धर्म निभाया उनके पिता का लम्बी बीमारी के बाद आज शुबह 9 बजे निधन हो गया।इस शव यात्रा में रैगर समाज के पंच पटेल और शिक्षा विभाग के लोग मौजूद थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस शव यात्रा में महेशपाल कुर्डिया,रामस्वरूप संवासिया,कमल ओजवानी,मौजूद थे।
जूनवाल के पुत्र नही था
जूनवाल के पुत्र नही था, इनके दो पुत्रियां थी बड़ी पुत्री मोनिका 27 वर्ष व छोटी पुत्री लक्की 21 वर्ष की थी। मोनिका व लक्की ने अपने पिता की अर्थी कंधा दिया साथ ही शव मुखाग्नि भी दी। दोनों पुत्रियां की आखें आसुओं से भर आई और माहौल गनमीन हो गया था।
खरवा में थे अध्यापक
जूनवाल ब्यावर के निकटवर्ती गाँव खरवा की राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय में अध्यापक थे।वो करीब 1 साल पहले बस में धक्का लगने से गर्दन में सुजन आ गई थी।उसीका 15 दिन अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था। आज निधन हो गया।
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