अजमेर। हम दशकों तक भाजपा को वोट देकर सत्ता में बैठाते रहे। हर संघर्ष में तन, मन, धन से साथ देते रहे और बदले में उन्होंने क्या दिया। अपमान, मुकदमे और वादाखिलाफी। हमारे हजारों युवाओं को थाने में बैठा कर उनके सीने के बाल नोंचे गए और अमानवीय अत्याचार किया। क्या अब भी समाज चुप बैठेगा। अब हम भाजपा के इस अन्याय का बदला चुकाएंगे। इस उपचुनाव में हम कांग्रेस को समर्थन की घोषणा करते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजपूत और रावणा राजपूत संघर्ष समिति, श्री राजपूत सभा, प्रताप फाउंडेशन, मारवाड़ राजपूत सभा, रावणा राजपूत सभा, श्री राजपूत करणी सेना, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, दुर्गा दल, भवानी निकेतन, जय राजपूताना संघ, राजपूत विकास परिषद समेत चारण महासभा आदि संगठनों ने जयपुर के राजपूत सभा भवन में यह हूंकार भरी। उन्होंने अजमेर से समर्थन मांगने आए कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रघु शर्मा तथा देहात कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठौड़ को मत व समर्थन का ऐलान किया। इसके साथ ही अलवर और मांडलगढ़ में भी कांग्रेस को समर्थन की घोषणा की गई।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में राजपूतों का अहम योगदान है। यही योगदान हमने प्रदेश में भाजपा को सींचने, उसे बड़ा करने और अंततः उसे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में दिया। भाजपा पर जब भी कोई संकट आया हम तन, मन और धन से भाजपा के साथ खड़े रहे। हर संघर्ष में पार्टी के साथ रहे। भाजपा अब राजपूतों और रावणा राजपूतों के इस योगदान को भूलती जा रही है। पिछले चार साल में तो भाजपा ने समाज को सम्मान देना तो दूर अत्याचार करना शुरू कर दिया। चतुर सिंह सोढ़ा प्रकरण, पद्मावती प्रकरण, आरक्षण की मांग सहित कई प्रकरणों में राजपूतों को नीचा दिखाया गया। आनंदपाल प्रकरण ने तो सभी हदें ही पार कर दीं। हमारी मांग थी कि आनंदपाल प्रकरण की सीबीआई जांच हो। सरकार ने हमारे ही खिलाफ जांच खोल कर हमारे हजारों युवाओं को फंसाने का षड्यंत्र रच दिया। हमारे युवाओं को थाने में बैठा कर अमानवीय अत्याचार किए गए। राजपूत और रावणा राजपूत इस अत्याचार का बदला लेंगे। लोकतंत्र में वोट सबसे बड़ी शक्ति है। हम इस उप चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देंगे।
वक्ताओं ने पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत की भाजपा में उपेक्षा, उनके परिवार के साथ सौतेले व्यवहार सहित अन्य मुद्दों को भी उठा कर भाजपा को सबक सिखाने की बात कही। वक्ताओं ने कहा कि सरकार में बैठे विधायक मंत्री व सासंद में से एक भी नेता ने सरकार द्वारा समाज पर अन्याय व अत्याचार के विरोध में आकर खड़ा होना तो दूर की बात, बोलना भी उचित नहीं समझा। इससे समाज में आक्रोश है। संघर्ष समिति ने निर्णय लिया कि आने वाले समय में ऐसे नेताओं का विरोध किया जाएगा और सामाजिक कार्यक्रमों में इन्हें आमंत्रित नहीं किया जाएगा। इसके लिए युवाओं की टीमें बनाई जा रही हैं, ताकि ऐसे भ्रष्ट और चापलूस नेताओं को सबक सिखाया जाएगा।
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