चंडीगढ़।
दस साल मासूम की अभी खेलने कूदने की उम्र भी अभी पूरी नहीं हुई थी कि उसे
मां बनने की पीड़ा से गुजरना पड़ा। अभी तक वह खुद को ढंग से नहीं सभाल पा
रही है पर अब इस उम्र में उसे नवजात की देखभाल करनी पड़ेगी। मासूम बालिका
दुष्कर्म की शिकार हुई थी। वीरवार को सवेरे इस मासूम बालिका ने एक बच्ची को
जन्म दिया। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य है। मासूम की सफलतापूर्वक सिजेरियन
डिलीवरी कराने में जीएमसीएच, सेक्टर-32 के डॉक्टरों की प्रंशसनीय भूमिका
रही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस
मामले में गठित मेडिकल बोर्ड ने बुधवार को दिनभर बच्ची के स्वास्थ्य पर
नजर बनाए रखी। बोर्ड में अलग-अलग विभागों के दस डॉक्टर शामिल थे। दोपहर
में बच्ची का गत दिवस अल्ट्रासाउंड करवाया गया। इसके बाद उसे वापस प्राइवेट
वार्ड में शिफ्ट किया गया। मेडिकल कमेटी की पूरी टीम ने बुधवार को बच्ची
के वार्ड का दौरा किया। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची की मां से मुलाकात
की। महिला डॉक्टर्स ने कुछ मिनट उनसे अकेले में बात की और उनको गले से
लगाकर सांत्वना दी।
मामले को लेकर जरूरी जानकारी हेल्थ सेक्रेटरी को
भेजी जा रही है। प्रशासन पूरी रिपोर्ट बंद लिफाफे में बंद कर भेजता है। एक
बार लापरवाही सामने आने पर इस बात का विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि बच्ची
की पहचान हर हाल में गुप्त रखी जाए।
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