चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के किसानों को संघर्ष की राह त्यागने की अपील करते हुये कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में उनकी सरकार किसानो का पूरा ऋण माफ करने का बोझ नही सह सकती लेकिन किसानों की कठिनाईयों का शीघ्र अति शीघ्र हल निकालने के लिए सरकार पूर्ण रूप से वचनबद्ध है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संघर्ष की राह पर चल रहे किसानों को सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करने की अपील करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गहरे आर्थिक संकट का सामना किये जाने के बावजूद पंजाब ने अन्य राज्यों के मुकाबले किसानों का अधिक ऋण राहत दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मिसाल देते हुये कहा कि महाराष्ट्र नें किसानों का 1.50 लाख रुपये तक का ऋण माफ किया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश नें 1 लाख रुपये, राजस्थान ने 50 हजार, मध्यप्रदेश ने 1 लाख रुपये तथा कर्नाटक ने 50 हजार तक का कर्जा माफ करने का ऐलान किया है जबकि उनकी सरकार ने कांग्रेस पार्टी द्वारा किसान भाईचारे से किये इस महत्वपूर्ण वादे को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी।
मुख्यमंत्री ने किसानों को विरोधी दलों तथा कुछ किसान संगठनों द्वारा गुमराह ना होने की अपील करते हुये कहा कि ये पार्टियां व यूनियनें अपने निजी राजनीतिक हितों के लिये किसानों के ऋण माफी के मुद्दे पर दुष्प्रचार कर रहें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को अकालियों द्वारा खाली खजाना विरासत मे मिला था और दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार ने भी किसानों की मदद के लिए हाथ पीछे खींच लिए जिससे इन परिस्थितियों में इस योजना के घेरे में और किसानों को लाने या 2 लाख रुपए से अधिक राशि का ऋण माफ करना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने किसान ऋण पूर्ण रूप से माफ करने को अमल में लाने के लिए किसानों से और अधिक समय की मांग करते हुये कहा कि उनकी सरकार इस समय राज्य की आर्थिकता को पुन: मज़बूत करने के लिए प्रयास कर रही है जिससे समाज के सभी वर्गो को विकास व प्रगति के मार्ग पर फिर से लाया जा सके।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सरकार इस समय कठिनाईयों का सामना कर रहे छोटे और सीमांत किसानों की सहायता करने को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि जब सूबे की आर्थिकता स्थिर होनी शुरू हो जायेगी तब धीरे धीरे सभी किसानों को ऋण माफी योजना के दायरे में लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि जब उन्होंने वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था तो उस समय सरकारी खजाने पर 46 हज़ार करोड़ रुपए का कर्जा था और अब जब वर्ष 2017 में उन्होंने अकाली-भाजपा सरकार से शासन हाथ में लिया तो उस समय उनकी सरकार 2 लाख करोड़ रुपए के कर्जे के नीचे थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कारण ही किसानों का कर्जा एक बार में ही माफ करने के लिए उनकी सरकार के रास्ते में बाधा बन गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद भी उनकी सरकार की ओर से अपने पहले बजट में किसानों के लिए घोषित ऋण माफी योजना के अधीन 10.25 लाख किसानों को शामिल किया जाना है और पहले चरण में 5.63 लाख किसानों को इसका लाभ होना है। उन्होंने कहा कि इस चरण के लिए उनकी सरकार ने जैसे-तैसे 2700 करोड़ रुपए का बंदोबस्त किया है।
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