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राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को पुन: शुरू करने की मांग

punjab govt seeks all india farm debt waiver scheme restoration of 90:10 rkvy funding - Punjab-Chandigarh News in Hindi

न्यू दिल्ली/चंडीगढ़। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कृषि के क्षेत्र में प्राथमिकताएं निर्धारित करने के लिए राज्यों को अधिक संभावनाएं उपलब्ध करवाने के लिए आज यहां केंद्र सरकार को 90:10 फंडिंग के अनुपात वाली राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर के वी वाई ) को पुन: शुरू करने की मांग के अवसर पर पंजाब की तर्ज पर एक अखिल भारतीय कृषि ऋण माफी योजना आरंभ करने तथा पंजाब को विशेष वर्ग के अधीन सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम में शामिल करने की मांग की।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा यहां राज्यों के वित्त मंत्रीयों के साथ की गई 2018-19 पूर्व बजट बैठक में हिस्सा लेने के दौरान मनप्रीत सिंह बादल ने यह मांगे उठाईं।बादल ने केंद्र तथा राज्य के बीच नजदीकी तालमेल की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

गुरू नानक देव जी के 550वेंं प्रकाश पर्व को मनाने के लिए वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार से निवेदन किया कि इस पर्व के लिए राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान देने के अतिरिक्त 550वें समारोह को बढिय़ा ढंग से मनाने के लिए अकादमिक, खोज और अजायब घर जैसे प्रौजेक्टों के लिए 100 करोड़ रुपये अलग से उपलब्ध करवाये जायें।

यह बात ध्यान में रखते हुये कि 2019 के दौरान 13 अप्रैल, 1919 को घटित जलियांवाला बाग घटना की शताब्दी मनाई जा रही है, स. बादल ने निवेदन किया कि इस स्मारक और इसके आस-पास को और खूबसूरत बनाने तथा बढिय़ा ढंग से इस कार्यक्रम को मनाने के लिये पंजाब सरकार के लिए 100 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान को भी स्वीकृति दी जाये।

पाकिस्तान से लगती राज्य की प्राकृतिक सीमाओं पर चिंता प्रकट करते हुये राज्य के वित्त मंत्री ने बल देकर कहा कि भारत सरकार सीमावर्ती नहरों तथा नदियों द्वारा होने वाली आंतकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए पुलिस को आधुनिक तकनीक तथा साजो-समान खरीद कर देने के लिये राज्य सरकार को विशेष पैकेज़ उपलब्ध करवाये तांकि आंतकवाद विरोधी कार्रवाईयों को कारगर बनाया जा सके।

राज्यों को आर्थिक तौर पर और अधिक मज़बूत बनाने क ी वकालत करते हुये मनप्रीत बादल ने कहा कि केंद्र सरकार को 2018-19 में कार्पोरेट टैक्स व आयकर के वितरण के मद्देनज़र केंद्र करों का हिस्सा चार तिमाही किस्तों में जारी करने की बजाये मासिक तौर पर जारी करना चाहिए ताकि राज्यों में विभिन्न विकास कार्यो पर पडऩे वाले बुरे प्रभाव को रोकने के साथ-साथ वित्तीय तनाव को कम किया जा सके।


बादल ने कहा कि आर के वी वाई के अनुपात को पुन: 60:40 से 90:10 तक बढ़ाने से ना केवल कृषि बुनियादी ढांचे तथा कृषि विविधता को प्रौत्साहन देने में मदद मिलेगी बल्कि 2022 तक कृषि क्षेत्र की आय दोगुनी करने के भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि भूमिगत जल की कमी के मुद्दे से निपटने के साथ-साथ गरीब किसानों/कृषि मज़दूरों को आत्महत्याओं के जंजाल से बाहर निकालने के लिए एक कॉर्पस बनाने के लिए 5 लाख वार्षिक आय वाले व्यक्ति को 0.5 प्रतिशत का विशेष कर भी लगाया जा सकता है।


किसानों के ऋ ण माफ करने के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने बैठक को बताया कि पंजाब सरकार ने राज्य के सभी छोटे किसानों को ऋण के बोझ से मुक्त करने के लिए 2 लाख रुपये तक की ऋण माफी योजना की घोषणा करने की पहल की है। इस योजना के दायरे में राज्य के 60 प्रतिशत से अधिक किसान आते हैं तथा 9500 करोड़ रुपये की इस योजना से लगभग 10 लाख किसानों को वित्तीय लाभ होगा।


बादल ने सुझाव दिया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं जैसे कि किसानों की आय तथा कृषि उत्पादकता को 15वें वित्त आयोग द्वारा अपनी सिफारिशों में शामिल किया जाए। उन्होंने बैठक को बताया कि राज्य सरकार 1750 करोड़ रूपये की लागत से पंजाब मेें एक विस्तृत कृषि परिवर्तन परियोजना को आरंभ करने के लिए उत्सुक है। उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की कि वह पंजाब में कृषि को विशेष प्रौत्साहन देने के लिए 3 वर्षों के लिए सहायता उपलब्ध करवाये।


कृषि बीमा योजनाओं के विभिन्न संस्करणों का उल्लेख करते हुए बादल ने फील्ड नंबर के स्तर पर जी.आई.एस. से एक नई कृषि बीमा योजना की शुरूआत करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कृषि विविधता को प्रौत्साहित करने के लिए पशुपालन तथा डेयरी फार्म के मशीनीकरण के लिए एक अलग उप-मिशन स्थापित किया जाना चाहिए तांकि पशुओं तथा डेयरी फार्मों के लिए नई मशीनरी और साजो-समान की प्राप्ति के लिए सुविधा दी जा सके।


सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) को विशेष श्रेणी के अधीन लाने की मांग करते हुए स. मनप्रीत सिंह बादल ने बताया कि 2016-17 से यह कार्यक्रम केन्द्र तथा गैर विशेष श्रेणी वाले राज्यों के मध्य 60:40 के अनुपात में परिवर्तित हो गया है तथा विशेष वर्ग के राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 था। उन्होंने कहा कि बदले हुए फंडिंग पैटर्न से पंजाब जोकि गैर विशेष श्रेणी राज्य है, को 40 प्रतिशत भागेदारी को पूरा करने के कारण वार्षिक लगभग 25 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ वहन करना पड़ रहा है। पंजाब सरकार ने केन्द्र सरकार को निवेदन किया है कि पंजाब को इसके सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए अनुदान/आर्थिक पैकेज का प्रबंध किया जाए, जिसका यह राष्ट्रीय सुरक्षा के हिसाब से हकदार भी है।


अबोहर में एक राष्ट्रीय बागबानी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए अनुदान की मांग करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एकमुश्त विशेष अनुदान दिया जाना चाहिए तथा गुरू नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के सहयोग के लिए भी एकमुश्त विशेष अनुदान दिया जाए।


जीएसटी और ऋण माफी योजना के आरंभ होने से राज्य के प्रभावित हुये नकदी प्रवाह की बात करते हुये स. मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के कुल उधार की सीमा को राज्य के कुल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करे जिससे राज्य सरकार मौजूदा और आगामी वित्त वर्ष के दौरान अपनी प्रतिबद्धित देनदारी को पूरा कर सके। उन्होंने यह भी अपील की कि संविधान की धारा 293 (3) के तहत पंजाब को राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा फंड (एन एस एस एफ) ऋणों को बाज़ार से कम ब्याज दर वाले उधारों से बदलने की स्वीकृति दी जाये क्योंकि एन एस एस एफ के ऋण पर ब्याज की दर अधिक है। इसके अतिरिक्त उन्होंने जी एस टी मुआवज़े का भुगतान भी हर 2 माह बाद करने की मांग की।


बैंक के ऋण की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने की मांग करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकतर भूमिरहित तथा गरीब लोगों के लिए पशुपालन तथा दूध उत्पादन ही रोज़ी-रोटी का स्रोत है। उन्होंने पशुपालन क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान देने की मांग करते हुए मुर्गी पालन, मछली पालन तथा मधुमक्खी पालन जैसे धंधों के साथ सूअर, बकरी, भेड़ तथा भैंस के मीट जैसे धंधों के लिए वित्तीय सहायता को 3 गुना करने के लिए कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार सभी छोटे किसानों, भूमिरहित किसानों द्वारा किए जाने वाले छोटे धंधों के लिए 100 प्रतिशत बीमा प्रीमियम का भुगतान करें।


प्री-स्कूल प्रणाली को सही ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करने हेतु केन्द्र सरकार को निवेदन करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्री-स्कूल प्रणाली को प्राथमिक शिक्षा में राष्ट्रीय नीती के अनुसार लागू करने के लिए स्टाफ भर्ती करने तथा भौतिक बुनियादी ढांचे को पैदा करने की आवश्यकता है तथा सबसे महत्वपूर्ण है आयु-अनुसार गहन शिक्षा सामग्री को विकसित करना जिसके लिए आवश्यक वित्तीय साधानों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्री-प्राईमरी श्रेणियों को भी ‘शिक्षा का अधिकार’ कानून के घेरे में लाना चाहिए।


मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि कृषि उत्पादन तथा वातावरण संबंधी उभर रही चुनौतियों पर खोज करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में अति आधुनिक जलवायु नियंत्रण चैंबर स्थापित करने के लिए 125 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये जाने चाहिए।

अबोहर में राष्ट्रीय बागबानी विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव संबंधी वित्त मंत्री स. बादल ने कहा कि यह पहल इस क्षेत्र में बागबानी विकास के लिए बहुत बड़ा वरदान साबित होगी। प्रधानमंत्री द्वारा 2022 तक किसानों की आय में दोगुणी होने की दिशा में किसानों की आय को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

पटियाला से पनियाली (रोपड़ के नज़दीक) राष्ट्रीय मार्ग का नाम बदलकर माता गुजरी जी के नाम पर रखने की माँग करते हुये स. बादल ने कहा कि श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के 350वें प्रकाश दिवस के याद में चार मार्गीय किये जा रहे इस राष्ट्रीय राजमार्ग प्राजैकट का नाम माता गुजरी जी की याद में बदलने के लिए राज्य द्वारा पहले से ही मांग की जा चुकी है।

मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों के लिए शहीद भगत सिंह रोजग़ार गारंटी योजना (एसबीएसईजीएस) की मांग करते हुए मनप्रीत सिंह बादल ने शहरी क्षेत्रों के लिए एसबीएसईजीएस के शीर्षक के लिए एक रोजग़ार गारंटी योजना शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया जिसके अंतर्गत शहरी स्थानीय निकाय विभिन्न विकास/बुनियादी ढांचों के प्रौजेक्टों के लिए 100 दिन का रोजग़ार मुहैया करवा सके।


स्वास्थय और परिवार कल्याण क्षेत्र में उन्होंने भारत सरकार को राष्ट्रीय रोगी रिकार्ड कायम रखने की व्यवस्था भी तैयार करने और इसको आधार और राष्ट्रीय स्वास्थय रजिस्टर से जोडऩे की अपील की।

राज्य में हलके हमलावर वाहन (एलसीवी) तैयार करने के लिए यूनिट स्थापित करने के लिए भारत सरकार को निवेदन करते हुये स. बादल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में इंडस्ट्रियल एंड बिजनस डिवैल्पमैंट नीति 2017 शुरू की गई है जिसके अंतर्गत उद्योगों को विभिन्न प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं परंतु राज्य में रक्षा या रक्षा मंत्रालय से संबंधित कोई बड़ी इकाई मौजूद नहीं है। पंजाब सरकार ने रक्षा मंत्रालय से अपील की है कि वह पंजाब राज्य में किसी उचित स्थान पर हलके हमलावर वाहनों (एल.सी.वी) के निर्माण के लिए एक यूनिट की स्थापना पर विचार करे क्योंकि इससे सिफऱ् सहायक ईकाईयों की स्थापना में मदद नहीं मिलेगी बल्कि राज्य में रोजग़ार के नये अवसर पैदा होंगे। उन्होंनें कहा कि पंजाब में निवेश आकर्षित करने के लिए पंजाब सरकार ने निवेश पंजाब मुहिम की शुरुआत की थी जिसे बहुत बड़ी सफलता प्राप्त हुई थी, उन्होंने इनवैस्ट पंजाब की शुरुआत की थी जिसका काफ़ी फ़ायदा हुआ। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि इनवैस्ट पंजाब की तरह मेक इन इंडिया का भी हरेक जिले में केंद्र स्थापित किया जाये।

उन्होंने आगे सुझाव दिया कि भारत सरकार हरेक जिले में 1000 नये उद्योगों को शामिल करने के लक्ष्य से हरेक जिले में ‘ऐंटरप्राईज़ स्किलज़ क्लब’ स्थापित करने की पहल करे जिससे अगले 5 वर्षो में प्रत्येक वर्ष 40 लाख नये उद्यम शुरू करने में सहायता मिलेगी।

पाकिस्तान और मध्य एशिया से सीमापार व्यापार के लिए ई.डी.एफ.सी. को अमृतसर में अटारी तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को विनती करते हुए वित्त मंत्री स. बादल ने कहा कि भारत सरकार ने पहले ही अमृतसर (पंजाब) से कोलकाता (पश्चिमी बंगाल) के लिए अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कोरीडोर (एकेआईसी) का ऐलान किया है। एकेआईसी के साथ कई निर्माण कलस्टरों की योजना बनाई जा रही है और पंजाब सरकार द्वारा भी राजपुरा (पटियाला) में इंटीगरेटिड मैनुफ़ेक्चरिंग कलस्स्टर (आई.एम.सी.) स्थापित किया जा रहा है जिसके लिए योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एकेआईसी को ईडीएफसी से जोड़ दिया जायेगा और इसी तरह ईडीएफसी को अमृतसर तक बढ़ाने की ज़रूरत है, जिससे पंजाब और अन्य उत्तरी भारतीय राज्यों के औद्योगिक विकास को बड़ा प्रोत्साहन मिल सके।

राज्य में रेल नैटवर्क को मज़बूत करने के लिए वित्त मंत्री ने भानपाली -बिलासपुर -बेरी नयी रेलवे लाईन प्रोजेक्ट को तेज़ करने की मांग की, जो रूपनगर, पंजाब और जि़ला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश में पड़ता है। पंजाब हिस्से के लिए प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1700 करोड़ रुपए है। प्रोजैक्ट के लिए वर्ष 2017 -18 के लिए 300 करोड़ रुपए रखे गए हैं। इसी तरह माझे क्षेत्र (अमृतसर) को मालवा (दक्षिणी पंजाब) के साथ जोडऩे के लिए पट्टी और मक्खू के बीच रेलवे लाईन बिछाने की लंबे समय से माँग की जा रही है। इसके साथ उत्तरी पंजाब, राजस्थान और गुजरात के मध्य बेहतर संपर्क स्थापित होगा और व्यापारिक संबंधों में भी सुधार होगा।

उन्होंने राजपुरा से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ तक रेल लिंक के लिए राज्य की बहुत अपेक्षित मांग को भी जाहिर किया। वित्त मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा भारत सरकार के पास उठाया गया है। उन्होंने निवेदन किया कि रेलवे को लगभग 25 किलोमीटर के इस हिस्से पर तुरंत काम शुरू करना चाहिए। उन्होंने यह भी विनती की कि रेल मंत्रालय को इसके लिए आवश्यक ज़मीन की लागत सहन करने के लिए कहा जाये क्योंकि राज्य सरकार पहले ही भारी ऋण का सामना कर रही है।

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्र को यह अपील भी की कि 2018 के बजट में नयी दिल्ली से कटड़ा तक अमृतसर के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा की जाये। शाहपुर कंडी डैम प्रोजैक्ट प्रशासन की पुन: बहाली की मांग करते हुये उन्होंने केंद्र सरकार को विनती की कि वह प्रोजैक्ट के राष्ट्रीय महत्व के मद्देनजऱ संशोधित मूल्य का अनुमान जल्दी से जल्दी स्वीकृत करे।

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