चंडीगढ़। सहकारी सभाओं में ग़ैर-ज़रूरी मुकद्दमेबाज़ी को रोकने के लिए
मंत्रीमंडल ने पंजाब राज्य सहकारी सभाएं एक्ट-1961 में कुछ संशोधनों को
स्वीकृति दे दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई
मंत्रीमंडल की बैठक के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इन संशोधनों से
सहकारी सभाओं के कामकाज में कुशलता और पारदर्शिता को प्रौत्साहन मिलेगा।
मंत्रीमंडल ने एक्ट की धारा-13 में संशोधन को मंज़ूरी दे दी है जिसके
अंतर्गत सहकारी सभाओं का विभाजन और विलय का उपबंध किया गया है जिसके अनुसार
रजिस्ट्रार एक से अधिक सभाओं के विलयों के प्रस्तावित आदेशों के संबंध में
संबंधित सभाएं या देनदार अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। यह ऐतराज़ करने
वाली सहकारी सभाओं को रजिस्ट्रार के फ़ैसले के विरुद्ध सरकार के पास अपना
पक्ष पेश करने के लिए एक और अवसर देना न्याय संगत समझते हुए यह संशोधन
स्वीकृत किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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