जयपुर। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के अपंग
व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग की तरफ से शुरू किये गए सुगम्य भारत अभियान के तहत दिव्यांगों की पहुंच को आसान बनाना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसमें सभी
भवनों, यातायात प्रणाली तथा सूचना एवं संचार प्रणाली में अपंग व्यक्तियों
के लिए सार्वजनिक पहुंच प्राप्त करने को सुनिश्चित बनाना है। केबीनेट में इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री
को बताया गया कि वातावरण की सुविधा के अंतर्गत लुधियाना शहर चुना गया है और
46 सरकारी भवनों की पहचान की गई है जिनको अपंग व्यक्तियों के लिए सुगम
बनाया जायेगा। इसके लिए लगभग 15.50 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है और
यह प्रस्ताव भारत सरकार को पेश किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान
मंज़ूर किया गया है परन्तु उसके द्वारा विस्तृत अनुमानों की माँग की गई है।
यह अनुमान इस समय तैयार किये जा रहे हैं।
आर.पी.डब्ल्यू.डी.
(अशक्त व्यक्तियों के अधिकार) एक्ट, 2016 को इसकी असली भावनाओं के अनुसार
लागू करन के लिए और इस एक्ट की व्यवस्थाओं के अनुसार सभी योग्य /जरूरतमंद
अपंग व्यक्तियों को इसका लाभ मुहैया कराने के लिए विभाग की तरफ से अपंग
व्यक्तियों के लिए एक स्वतंत्र विभाग की स्थापना करने का प्रस्ताव किया गया
है। इसके लिए वार्षिक 3.5 करोड़ रूपये का खर्च आएगा और यह मामला वित्त
विभाग को भेज दिया गया है।
जमालपुर में नेत्रहीनों के स्कूल में
दौडऩे वाला ट्रैक, क्रिकेट पिच, जिमनेजिय़म आदि जैसी विभिन्न खेल सुविधाएं
पैदा करने संबंधित कार्यों के विषय में भी मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई।
इनके लिए 42 लाख रुपए की राशि पहले ही सौंपी जा चुकी है। विभाग ने बताया कि
इन सुविधाओं के लिए ज़मीन की निशानदेही कर ली गई है और इस संबंधी योजना की
प्रक्रिया चल रही है। यह प्रक्रिया जि़ला स्तर पर खेल अथॉरिटी के साथ
मिलकर चलाई जा रही है।
अपंग व्यक्तियों के सशक्तितीकरण संबंधी
विभाग द्वारा शुरू किये यू.डी.आई.डी. (विलक्षण अपंगता आई.डी.) संबंधी
मीटिंग के दौरान बताया गया कि इस संबंध में राज्य और जि़ला स्तरीय प्रबंध
बनाया गया है। इसमें स्वास्थ्य, राजस्व और सामाजिक सुरक्षा विभागों को
शामिल किया गया है। इससे संबंधित प्रांतीय कॉर्डीनेटर भी नियुक्त किया गया
है और इस प्रबंध का प्रशिक्षण फरवरी के दूसरे सप्ताह से शुरू करने की
रूप-रेखा बनाई गई है जिसके बाद यह योजना मार्च में शुरू कर दी जायेगी।आंगनबाड़ी
केन्द्रों में सप्लीमैंटरी पौष्टिक प्रोग्राम संबंधी विभाग ने बताया कि इस
केंद्र-राज्य योजना को पूरी तरह से लागू करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को
भेजा गया है।
मीटिंग के दौरान विभाग द्वारा शुरू की गई कुछ नई
योजनाओं संबंधी भी अवगत कराया गया। महिला शक्ति केंद्र (60:40 फंड) के
अंतर्गत फिऱोज़पुर और मोगा नाम के दो जि़ले पहले चरण के दौरान लाए जाएंगे
जबकि शेष जि़ले अगले वित्तीय वर्ष के दौरान इस योजना के अंतर्गत लाए
जाएंगे। बचपन बचाओ आंदोलन के संबंध में विभाग एन.जी.ओ., बचपन बचाओ आंदोलन
फाउंडेशन के नोबल पुरुस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के साथ तालमेल कर रहा
है जिससे पंजाब को बच्चों के लिए एक मॉडल राज्य बनाया जा सके।
केंद्र द्वारा प्रायोजित 100 प्रतिशत फंडों वाली
योजना ‘वन स्टॉप सैंटर स्कीम’ के अंतर्गत पहले चरण के दौरान बठिंडा,
जालंधर, मुक्तसर, पटियाला, शहीद भगत सिंह नगर और गुरदासपुर नाम के छ:
केंद्र स्थापित किये जाएंगे जबकि दूसरे चरण के दौरान फिऱोज़पुर, फाजिल्का,
संगरूर, एस.ए.एस. नगर, रूपनगर, होशियारपुर, लुधियाना और अमृतसर में यह
केंद्र स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने स्वीकृति दे दी है। शेष जि़ले
भारत सरकार द्वारा 2018 -19 के वित्तीय वर्ष के दौरान इस योजना के अंतर्गत
लाए जाएंगे।
इस अवसर पर उपस्थित अन्यों में सामाजिक सुरक्षा
मंत्री रजिया सुल्ताना, विधान सभा के डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी,
मुख्य मंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह,
विशेष मुख्य सचिव के.बी.एस. सिद्धू, मुख्य मंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर
सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी और डायरैक्टर सामाजिक सुरक्षा
कविता मोहन सिंह शामिल थे।
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