श्री
आनंदपुर साहिब। नंगल के गांव भलडी और नानग्रां में सवां नदी में नाजायज
माइनिंग करते हुए 22 टिप्पर और एक पोकलेन काबू किए गए। सभी आरोपी भागने में
कामयाब हो गए मगर पुलिस तफ्तीश कर रही है कि आखिर इतनी बड़ी माइनिंग करने
में किसका हाथ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पंजाब सरकार की तरफ से नाजायज माइनिंग को रोकने के
लिए दिन रात प्रशासन की तरफ से चेकिंग की जा रही है। बुधवार को प्रशासन
उसमें सफलता हाथ लगी जब तहसीलदार नूरपुर बेदी ने नानग्रां गांव में
छापेमारी की प्रशासन को गुप्त सूचना मिली थी कि इस जगह नाजायज माइनिंग बड़े
स्तर पर की जा रही है । प्रशासन और माइनिंग विभाग ने संयुक्त रुप पर मैं
छापेमारी कर 22 टिप्पर और एक पोकलेन मशीन को मौके पर काबू किया जिसमें
पुलिस ने माइनिंग एक्ट के अधीन अलग-अलग धाराओं के अधीन वाहनों और मशीन को
कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है अभी तक आरोपी फरार बताए जा रहे हैं
इस
इलाके में लगातार पिछले 10 सालों में बड़े स्तर पर नाजायज माइनिंग की जा
रही थी . पुलिस और प्रशासन इन्हें रोकने में लगातार नाकामयाब रहा है . अब
सरकार बदलते ही कुछ हद तक माइनिंग माफिया पर रोक लगी है , जो कि पिछले 10
सालों में बेरोकटोक नाजायज माइनिंग कर रहा था। प्रशासन ने सख्ती दिखाई और
इतनी बड़ी सफलता हाथ लगी है जिससे कि माइनिंग माफिया में खौफ भी पाया जा
रहा है। हालांकि पुलिस ने टिप्पर और मशीन को कब्जे में लिया है मगर बड़ी
मछलियां अभी भी उनकी पहुंच से दूर हैं।
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