फाजिल्का।
पंजाब के बिजली और सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह के निजी सहायक को पंजाब
के नवांशहर में अमित बहादुर और अन्य तीन मुलाजिमों को रेत की खडड का ठेका मालिक बनाए जाने का विरोध होना शुरू हो गया है। वीरवार को भारतीय जनता
पार्टी ने जिला फाजिल्का में डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर इस ठेके के
विरोध में रोष प्रदर्शन किया गया। पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बता दें कि कभी राणा शुगर मिल्स लिमिटेड के दफ्तर में खाना बनाने वाला मूल
रूप से नेपाल निवासी अमित बहादुर को शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) में अपने
से 32 बड़े ठेकेदारों को पछाड़कर गांव सैदपुर ख़ुर्द की सबसे महंगी 26
करोड़ 50 लाख की खडड का ठेका मिला है। राणा गुरजीत सिंह की शुगर मिल के तीन
और मुलाजिमों को भी रेत की हुई नीलामी में उनको भी खड्डे अलाट होने में
सफलता हासिल हुई है।
भाजपा का कहना है कि मूल रूप से नेपाल निवासी
अमित बहादुर राणा शुगर मिल मैं रसोइए का काम करता था जिसकी वफादारी को
देखते हुए उसे निजी सहायक बनाया गया था। आज एक आम आदमी द्वारा 26 करोड़ की
बोली देने पर सत्ता के गलियारों में हलचल मचा दी है।
इस मोके रोष प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वर्करों ने कहा
कि लोगों को लुभावने वादे कर सत्ता में हासिल कर सत्ता में आई कांग्रेस
पार्टी की सरकार द्वारा एक बढ़िया रेत पालिसी बनाए जाने की बात कही गई थी
जिसमें हर किसी को सस्ते रेट पर रेत बजरी मुहैया करवाने की बात की गई थी
लेकिन आज कांग्रेस पार्टी के मंत्रियों द्वारा अपने ही रसोइए और वर्करों पर
महंगी खड्डे अलाट करके पंजाब की जनता के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा
कि आज मंत्री के रसोइए और उसके तीन मुलाजिमों को रेत की खड्डे अलॉट होने पर
कांग्रेस पार्टी की पोल खुलती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि BJP अकाली दल
की सरकार के वक्त जो मजदूर दिन में 4 से 500 रुपए कमाता था वह आज 2 महीनों
से बेरोजगार बैठा है उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार द्वारा रेत माफिया पर
लगाम लगाने की बजाय उसको बढ़ावा दिया जा रहा है। अपने ही मुलाजिमों को
ठेके देकर आम जनता से लूट की जा रही है जहां उन्होंने मांग करते हुए कहा कि
या तो बनाई गई इस रेत पॉलिसी को बदला जाए या फिर मजदूरों को भी किसी
मंत्री का रसोईया बना दिया जाए ताकि वह भी अपने परिवार का गुजारा सही तरीके
से कर सके उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लोगों की भलाई करने की वजह उल्टा
पैसा इकट्ठा किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि पहले जो रेत की ट्राली 2500
में उपलब्धि वह अब नई पॉलिसी आने से पांच से छह हजार तक बढ़ जाएगी साथ ही
उन्होंने कहा कि या तो इस नई पॉलिसी को बदला जाए या फिर इन मजदूरों को भी
किसी मंत्री का रसोईया बनाकर ठेकेदार बनाया जाए।
वही प्रदर्शन कर
रहे हैं रेहडा मजदूरों ने भी कहा कि पिछली सरकार के वक्त उन्हें दो वक्त की
रोटी मिल जाती थी लेकिन सरकार बदलने से उनका काम भी बंद हो गया है और यहाँ
तक कि उनका चूल्हा तक जलना भी बंद हो चुका है और वह पिछले 2 महीने से
बेरोजगार होकर बैठे हैं।
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