अमृतसर।
गांव संघा में गुरुद्वारा श्री गुरु हरगोबिंद साहिब पर कब्जा करने के लिए
सोमवार रात हथियार बंद लोगों ने जमकर फायरिंग की गई। कब्जा करने के लिए चार
गाडिय़ों में सवार हथियारों से लैस तीन दर्जन लोगों ने करीब दस बजे फायरिंग
की। इस दौरान कब्जाधारी व गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधक आमने-सामने हो गए।
दोनों पक्षों के लोग गुरुद्वारे के अंदर डटे हैं। देर रात तक गोली चलने की
आवाजें भी आती रहीं। अभी भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
गुरुद्वारा
श्री गुरु हरगोबिंद साहिब के प्रबंधक रहे गुरविंदर सिंह बुग्गा को 2009
में सेवामुक्त कर दिया गया था। इसका मामला एडिशनल सेशन जज तरनतारन की अदालत
में विचाराधीन है। मौजूदा समय में संत बाबा तारा सिंह झाड़ साहिब वाले
गुरुद्वारा साहिब की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में
बाबा लखविंदर सिंह को तैनात किया है, जो अपने परिवार के साथ गुरुद्वारा
साहिब में रहते हैं।
सोमवार रात दस बजे जब बाबा लखविंदर सिंह अपने
परिवार व सेवादारों के साथ लंगर हाल में मौजूद थे तो वहां पर चार गाडिय़ों
में सवार तीन दर्जन हथियारबंद लोग आए। इनमें भिंडरावाला टाइगर फोर्स के
मारे गए चीफ सुखविंदर सिंह संघा का छोटा भाई दिलबाग सिंह हीरा उर्फ बाघा भी
शामिल था। राइफलों के साथ गुरुद्वारा साहिब में प्रवेश करते ही इन लोगों
ने फायरिंग शुरू कर दी।
लोकल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष
शमशेर सिंह, सदस्य भान सिंह, दिलबाग सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब के
कब्जे को लेकर फायरिंग करने वाले फायङ्क्षरग करने वाले दिलबाग सिंह हीरा ने
21 जुलाई 2006 में ब्लाक युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रेशम सिंह संघा के पिता
अवतार सिंह की हत्या की थी, जिसमें उसे अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाई
गई। आरोपी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत पर है। मौके पर पहुंचे डीएसपी
सतपाल सिंह, थाना सदर के प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि गुरुद्वारा साहिब
पर कब्जे के विवाद को लेकर कुछ फायर हुए हैं। स्थिति सामान्य है।
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