मुंबई। शिव सेना ने सोमवार को मांग की कि वंदे मातरम गाने का विरोध करने वाले मुस्लिमों के साथ राष्ट्र विरोधी की तरह व्यवहार होना चाहिए और उन्हें मताधिकार से वंचित किया जाना चाहिए। औरंगाबाद नगर निगम में शनिवार को वंदे मातरम गाने पर हुए हंगामे के खिलाफ पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा में शामिल गो रक्षकों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिवसेना के मुखपत्र सामना व दोपहर का सामना के संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को भी हिंदुत्व के नाम पर प्रचार करने के लिए दंडित किया गया था। सेना ने कहा, हम मानते हैं कि वंदे मातरम का विरोध या अपमान भी समान रूप से गंभीर अपराध है और जो भी इसमें शामिल हैं उन्हें मताधिकार से वंचित किया जाना चाहिए। क्या आपके पास ऐसा करने की हिम्मत है।
औरंगाबाद की घटना में असदुद्दीन ओवैसी के अगुवाई वाली एआईएमआईएम के तीन पार्षदों-शेख समीना, सैयद मतीन व शेख जफर के वंदे मातरम गाए जाने के दौरान बैठे रहने की शिवसेना ने आलोचना की। शिवसेना ने संपादकीय में कहा, शिवसेना पार्षद इस अपमान पर गुस्से से फट पड़े और वंदे मातरम के विरोधियों पर हमला किया। सौभाग्य से भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने इस राष्ट्रवादी कर्तव्य में हमारा समर्थन किया।
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