मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई बढऩे की आशंकाओं से प्रेरित होकर लगातार तीसरी बार प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। बुधवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के विवरण में कहा गया कि तेल कीमतों, मकान किराया भत्ते और बजट में राजकोषीय चूक के कारण महंगाई बढऩे का खतरा बना हुआ है। इस महीने आरबीआई ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को यथावत रखा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रेपो रेट केंद्रीय बैंक की प्रमुख नीतिगत दर होती है जिसपर वह वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि का ऋण मुहैया करवाता है। आरबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी व विविध घरेलू कारकों के चलते रेपो रेट को छह फीसदी पर स्थिर रखा।
आरबीआई की ओर से जारी बैठक के विवरण के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का मामना था, आर्थिक सुधार भी आरंभिक चरण में है, इसलिए इस स्तर पर सावधानी के नजरिये की जरूरत है। इसलिए मैं रेपो रेट यथावत रखने के पक्ष में हूं।
केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.1 फीसदी और आगामी वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में 5.1 फीसदी से 5.6 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जारी किया है।
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