रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने
ट्रेन में इस बड़ी सुरक्षा चूक के बारे में संबंधित अधिकारियों को जानकारी
दी लेकिन 2 रेलवे सीपीआरओ इस बात से इनकार कर रहे हैं। 13 सितंबर को आरएल
गुप्ता(रेलवे बोर्ड सदस्य) द्वारा हाजीपुर में ईस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ
मकैनिकल इंजिनियर को लिखी चिठ्टी के मुताबिक, मुंबई जाने वाली
दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिस एक्सप्रेस के ब्रेक्स में पावर नहीं था। लेटर
में लिखा गया था कि यह बेहद गंभीर मामला था, जिससे कोई बड़ा हादसा हो सकता
था। ये भी पढ़ें - राजस्थान में जन्मा मेंढक जैसा बच्चा
वहीं, नॉर्दन सेंट्रल रेलवे के चीफ पीआरओ राजेश कुमार का कहना
है, मुझे रेलवे बोर्ड की ओर से मिले किसी लेटर की जानकारी नहीं है। मेरी
जानकारी के मुताबिक, जब ट्रेन दरभंगा से रवाना हो चुकी होगी, रास्ते में
खराब ब्रेक के बारे में पता लगा होगा। जैसे ही इस समस्या के बारे में
जानकारी हुई, सोनपुर स्टेशन पर टेक्निकल एक्सपर्ट ने ट्रेन की जांच की
लेकिन सबकुछ ठीक-ठाक पाया गया। ट्रेन में कोई गड़बड़ी नहीं है, इस बात को
सुनिश्चित करने के लिए वह खुद ट्रेन में बैठकर छपरा तक पहुंचा था। एक्सपर्ट
ने पाया कि ब्रेक में पावर थोड़ा कम है, लिहाजा छपरा स्टेशन पर पूरी ट्रेन
की दोबारा जांच की गई।
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