बडवानी। नर्मदा घाटी के करीब एक हजार किसानों, मजदूरों, मछुआरों, पशुपालकों और आदिवासियों ने बजट 2018 के विश्लेषण के साथ उसका बहिष्कार किया और रैली निकाली। किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया कि बजट में किसानों के तमाम मुद्दों को नकारा गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रैली की अगुवाई कर रहे 'आम किसान यूनियन' के केदार सिरोही ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर किसानों के पक्ष में कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने राज्य स्तर पर किसान सम्मलेन का आह्वान किया, जिसमें नौ लाख किसानों के शामिल होने का अनुमान है।
वहीं रैली में शामिल हुई समाजसेवी मेधा पाटकर ने कहा, "यह बात आज साबित हो गई की किसानों को बडवानी, धार, अलीराजपुर, खरगोन जैसे जिलों की मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है।"
किसान संघर्ष समिति के सदस्य राजेश बैरागी ने कहा कि अलीराजपुर जैसे जिले में पिछले तीन साल में 462 आदिवासियों ने आत्महत्याएं की हैं।
इस रैली में बडवानी नगर कांग्रेस सदस्य चंदू भाई यादव ने मंडी की समस्याएं सामने रखीं। साथ ही उन्होंने कहा कि नर्मदा घाटी के किसानों पर आए संकट का न तो अभी तक समाधान हुआ है और न ही उन्हें नुकसान की भरपाई मिल रही है। यहां की खेती बर्बाद हो रही है।
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