बेंगलुरू। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारों की भूमिका का स्मरण
करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सोमवार को यहां कहा कि लोकतंत्र व
समाज को स्वतंत्र प्रेस की जरूरत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रेस ने
लोगों को शिक्षित, संतुष्ट तथा संगठित करने में अहम भूमिका निभाई है।
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बेंगलुरू में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ
नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण के विमोचन के दौरान अपने भाषण में अंसारी
ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नेशनल हेराल्ड आजाद भारत के प्रथम
प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा तय उच्च मानकों पर खरा उतरेगा।
समाचार पत्र की नींव नेहरू ने ही रखी थी। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड को
सन् 1938 में लखनऊ से लॉन्च किया गया था और जल्द ही यह स्वतंत्रता आंदोलन
की आवाज बन गया।
उपराष्ट्रपति ने कहा,भारत में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भारतीय
पत्रकारों से गहराई से जुडा है, जो न केवल समाचार प्रदाता थे, बल्कि
सामाजिक कार्यकर्ता तथा स्वतंत्रता सेनानी भी थे। वे देश को न केवल विदेशी
दासता से मुक्त कराना चाहते थे, बल्कि समााजिक बुराई, जातिवाद, संप्रदायवाद
तथा भेदभाव से भी। उन्होंने कहा, सन् 1885 में कांग्रेस की स्थापना हुई,
जिसके अधिकांश संस्थापक पत्रकार थे। प्रेस देश को जागरूक करने के एक औजार
के रूप में उभरकर आया। यह लोगों की राष्ट्रवादी राजनीतिक हिस्सेदारी का
माध्यम बना।
इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि देश में हजारों पत्रकारों को वह बात
लिखने की छूट नहीं दी जाती, जिसे वह लिखना चाहते हैं। उन्होंने कहा,जो कोई
भी सच बयां करने का प्रयास करता है, या सच के साथ खडा होता है, उसे विभिन्न
तरह से किनारे कर दिया जाता है। दलित पीटे जा रहे हैं, अल्पसंख्यक भयभीत
हैं, पत्रकारों को धमकाया जाता है और नौकरशाह तक डरे हुए हैं।
राहुल ने कहा,नेशनल हेराल्ड में अपार साहस...
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