रांची। आम तौर पर कृषि का क्षेत्र पुरुषों का माना जाता है, लेकिन झारखंड के गुमला के घाघरा प्रखंड की रहने वाली क्रांति ने कृषि क्षेत्र में प्रवेश क्या किया, कृषि क्षेत्र में ही 'क्रांति' ला दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुमला जिला के घाघरा प्रखंड के बदरी पंचायत के कोतरी गांव की महिला कृषक क्रांति देवी ने प्रारंभ में अपनी माली हालत में सुधार लाने के लिए घर की चौखट लांघने का काम किया था और लोक लज्जा के घेरे को तोड़ खेतों में उतरी थी। उसे क्या पता था यही काम उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि देगा।
साहस का परिचय देकर खेतों में उतरी क्रांति आज कृषि के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम बन गई हैं। आज स्थिति है कि क्रांति अब पुरुषों को भी बेहतर कृषि का पाठ पढ़ाने का काम कर रही हैं। क्रांति देवी मात्र आठवीं पास हैं परंतु उन्होंने किसान का क्षेत्र चुना और अपने पति वीरेंद्र उरांव के साथ श्री विधि से धान की खेती कर असाधारण उत्पादन प्राप्त की।
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