श्रीनगर। मुठभेड में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार अहमद बट के मारे
जाने के बाद आज का दिन सुरक्षा बलों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। आतंकी
सबजार अहमद बट के मारे जाने के बाद से ही घाटी में विरोध प्रदर्शन, हिंसा
और पत्थरबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है जिसके आज और उग्र होने की आशंका
जताई जा रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं, सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि अभी तक
हालात कंट्रोल में हैं। हालांकि उन्होंने कहा है कि रविवार का दिन उनके लिए
काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। आज आतंकी सबजार के शव को दफनाया जाना है
और साथ ही रमजान का पहला दिन भी है।
हालांकि, हालात बिगडऩे की आशंका
को देखते हुए दक्षिण कश्मीर में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया
गया है। खास तौर पर बट के पैतृक स्थान त्राल में सुरक्षा चाक चौबंद है।
पिछले साल के मुकाबले इस बार पत्थरबाजों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की
तैयारी भी बेहतर है।
आपको बता दें कि पिछले साल बुरहान वानी के खात्मे
के बाद भारी संख्या में स्थानीय लोग सीआरपीएफ की पेलेट गन से घायल हुए थे।
प्रदर्शनकारियों के चेहरे और आंखों में बहुत ज्यादा चोटें आई थीं जिसे लेकर
काफी सवाल भी उठाए गए थे। सीआरपीएफ के डीजी राजीव राय भटनागर ने कहा,
सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सभी पेलेट गनों में
डिफ्लेक्टर्स लगा दिए गए हैं। बता दें कि डिफ्लेक्टर की वजह से यह
सुनिश्चित होता है कि पेलेट प्रदर्शकारियों के शरीर के ऊपरी हिस्से में ना
लगे।
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