शिमला| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री
वीरभद्र सिंह ने गुरुवार को उना जिले में स्वान नदी के तटबंधीकरण में
केंद्र की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि मिलने में हो रही देरी को लेकर
चिंता जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने स्वान नदी की सभी सहायक
नदियों के तटबंधीकरण से संबंधित परियोजना के लिए लगभग 922.48 करोड़ रुपयों
की राशि को मंजूरी दी थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस योजना के लिए केंद्र और राज्य द्वारा 70-30 के अनुपात से भुगतान किया जाना था।
इस मुद्दे को यहां स्वान नदी तटबंध प्राधिकरण के शासकीय निकाय बैठक में उठाया गया।
मुख्यमंत्री
के एक बयान में कहा कि धन के अभाव में स्वान नदी के तटबंधीकरण के लिए शुरू
हुआ कार्य यदि पूरा नहीं किया गया तो बाढ़ के दौरान इसे नुकसान पहुंचेगा।
स्वान
नदी के तटबंधीकरण परियोजना का उद्देश्य वनों को पुनर्जीवित करना, बाढ़ से
कृषियुक्त जमीन की रक्षा करना और मिट्टी के क्षरण को खासकर उना जिले में
रोकना और पंजाब से लगती सीमा को मजबूत करना है।
पहले वर्ष, इस
परियोजना की लागत 330 करोड़ रुपये थी, जिसमें से राज्य को 99 करोड़ की राशि
देनी थी, जबकि बची हुई राशि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से आनी थी।
जब से परियोजना शुरू हुई है, केंद्र सरकार ने 189.351 करोड़ रूपये जारी किए हैं।
हालांकि,
इस परियोजना में तटबंधों की कुल लंबाई लगभग 387.6 किलोमीटर है और इसमें
लगभग 7,164 हेक्टेयर क्षेत्र को पुनर्निमित करने का दावा किया गया है।
इसलिए केवल 162.36 तटबंध और 2,884 हेक्टेयर क्षेत्र की ही मरम्मत की गई है।
मुख्यमंत्री
ने कंगड़ा जिले में चांच नदी में होने वाले खनन पर पूरी तरह से रोक लगाने
के आदेश दिए हैं ताकि इस क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति में किसी के जीवन और
संपत्ति को खतरा न हो।
आईएएनएस
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