नाहन। बरसात के मौसम में डायरिया, आंत्रशोथ जैसी जल जनित महामारियों के फैलने की संभावना होने के दृष्टिगत जिला दण्डाधिकारी सिरमौर बी.सी. बडालिया ने एहतियात के तौर पर एक अधिसूचना जारी कर जिला के होटल ढाबों पर परोसे जाने वाले बासी भोजन तथा सड़ी-गली सब्जियों व फलों के बेचने पर तत्काल प्रभाव से पाबन्दी लगा दी गई है। जारी आदेशों के अनुसार जिला के सभी होटल ढाबों पर अप्रमाणित जल से तैयार किया गया भोजन तथा ग्राहको को बासी भोजन को परोसने पर पाबन्दी लगा दी गई है। आदेशों के अनुसार होटल ढाबों में एल्युमीनियम तथा बिना कलई किए बर्तनों में खाना बनाने पर भी पाबन्दी लगाई गई है। इसके अतिरिक्त मीट, मछली, टिक्की चाट, दूध इत्यादि खुले में बिकने वाले खाद्य एवं पेय पदार्थ और अप्रमाणित जल से तैयार की गई आईंस कैंडी व आईसक्रीम के बेचने पर पाबंदी लगा दी गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जिला में कार्यरत सभी कार्यकारी दण्डाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बीएमओ, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, जिला आयुर्वेद अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी व निरीक्षक, शहरी निकाओं के स्वास्थ्य निरीक्षक को प्राधिकृत किया गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्राधिकार में होटल ढाबों, मीट-मछली, मिठाई और फल व सब्जियों की दुकानों का निरीक्षण करे और अनुपयोगी खाद्य वस्तुओं को मौके पर नष्ट करें तथा दोषी व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के तहत मामला दर्ज करे।
जिला दण्डाधिकारी ने जिला के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और शहरी निकायों को निर्देश दिए है कि पेयजल स्त्रोतो तथा सभी भण्डारण पेयजल टैंको की उचित सफाई करके क्लोरिनेशन किया जाए ताकि जल जनित बिमारियों के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जीवन रक्षक दवाऐं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करवाई जाऐं ताकि बरसात के मौसम में फैलने वाली विभिन्न बिमारियों जैसे डायरिया, आंत्रशोथ के फैलने की स्थिति में लोगों के उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सके।
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