शिमला। प्रदेश में 68 नए राष्ट्रीय उच्च मार्गों के निर्माण के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है और सरकार इस राशि को खर्च करने में असमर्थ रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस तरह के समाचारों का पूरी तरह खंडन किया है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया है कि यह कहना गलत है कि प्रदेश के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत अथवा प्रदान की गई है। वास्तविकता यह है कि क्रेन्द्रीय सड़क एवं उच्च मार्ग मंत्रालय द्वारा सीआरएफ के तहत अन्तरराज्यीय सम्पर्क व राष्ट्रीय उच्च मार्ग कार्य के लिए अरहरण एवं वितरण और भुगतान किया जाता है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में भी प्रदेश सरकार की ओर से कोई भी कोताही नहीं बरती गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने स्पष्ट किया कि हिमाचल सरकार को प्रत्यक्ष तौर पर कोई भी राशि प्राप्त नहीं होती है और इसे भारत सरकार द्वारा सीधे परामर्शदाताओं व ठेकेदारों को प्रदान किया जाता है। 61 नई सड़कों के संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न अवसरों पर निविदाएं आमंत्रित की गई और भारत सरकार के साथ नियमों में छूट देने का मामला उठाया गया, ताकि परामर्शदाता विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अन्तिम रूप दे सकें। कुल 36 मार्गों की तकनीकी व वित्तीय निविदाएं खोली गई हैं, जिन्हें केन्द्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जा रहा है।
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