मंडी। भवन नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने टीसीपी अधिनियम के तहत भवनों के नियमितीकरण की अवधि तीन महीने और बढाने की मांग की है। समिति का कहना है कि लोगों को नियमितीकरण की प्रक्रिया के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में बहुत समय लग रहा है। भवन नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने बुधवार को आयोजित आपात बैठक में सरकार की ओर से इन दिनों चल रही भवनों के नियमितीकरण की आवेदन प्रक्रिया पर चर्चा की गई। समिति के उत्तम चंद सैनी, अमर चंद वर्मा, हितेन्द्र शर्मा, मुरारी लाल शर्मा और समीर कश्यप ने बताया कि प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्हें औपचारिकताएं पूरी करने में भारी परेशानियां आ रही हैं। राजस्व अधिकारियों के न मिल पाने के कारण वह अपना स्ट्रचर सर्टिफिकेट नहीं बना पा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें अनेकों विभाग से अनापती प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए दौड़ धूप करनी पड़ रही है। नियमितीकरण के आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई है। ऐसे में अधिकांश लोग नियमितीकरण की इस एकमुश्त पालिसी का लाभ उठाने से वंचित रह गए हैं।
समिति ने मांग की है कि आवेदन की प्रक्रिया कम से कम तीन महिने तक बढ़ाई जाए। जिससे लोग नियमितीकरण की सारी औपचारिकताएं पूरी कर सकें। समिति का यह भी कहना है कि प्रदेश सरकार ने नियमितीकरण की दरें बहुत ज्यादा निर्धारित की हैं। इतनी भारी भरकम दरें अदा करना गरीब तथा मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए संभव नहीं है। सरकार की ओर से प्रस्तावित पालिसी का लाभ सिर्फ बड़े बिल्डर और निर्माता ही ले सकेंगे। यही कारण है कि अभी तक मंडी जिला के नगर निकायों व टीसीपी क्षेत्र में मात्र करीब दो सौ आवेदन ही टीसीपी विभाग व नगर निकायों के पास आए हैं। समिति ने सरकार से मांग की है कि जनहित में नियमितीकरण के आवेदन की अवधि तीन माह तक और बढ़ाई जाए और इसकी दरें न्यूनतम की जाएं।
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