बिलासपुर। दो माह के सख्त प्रतिबंध के बाद अब मंगलवार यानि आज से गोविंदसागर झील में मत्स्य आखेट शुरू हो जाएगा। 1 अगस्त से मछुआरे मछली पकड़ने का व्यवसाय दोबारा शुरू कर सकेंगे। मत्स्य विभाग ने भी मस्त्य आखेट को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। बाकायदा, विभाग द्वारा निर्धारित स्थानों पर लेंडिंग सेंटर बनाए गए हैं। हालांकि, मत्स्य आखेट पर दो माह का प्रतिबंध हटने के बाद मछुआरों ने शिकार को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। मछुआरे आखेट को लेकर काफी उत्साहित भी हैं, लेकिन गोविंदसागर झील का जलस्तर पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम होने के कारण मछुआरे कारोबार को लेकर भी चिंतित हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि गोविंदसागर झील सहित प्रदेश के कई अन्य जलाशयों में मत्स्य प्रजनन काल के चलते पहली जून से 31 जुलाई तक मछलियों के शिकार पर प्रतिबंध रहता है। इस अवधि में मछलियां प्रजनन करती हैं। ऐसी स्थिति में यदि मछलियों का शिकार किया जाए, तो इसका सीधा असर मत्स्य उत्पादन पर पड़ता है। इसी कारण हर वर्ष दो माह के लिए मछलियों का शिकार बंद कर दिया जाता है। वहीं, प्रतिबंध के दौरान मत्स्य विभाग की मछली के अवैध कारोबार पर विशेष नजर रहती है। विभाग ने इसके लिए बाकायदा निगरानी टीमें तैनात की थी।
फ्लाइंग स्क्वायड व आधुनिक सुविधाओं से लैस मोटरबोटों से ऐसे अवैध शिकारियों व कारोबारियों पर नजर रखी गई। विभाग के मुताबिक दो माह की अवधि के दौरान अवैध शिकार का कोई मामला नहीं पाया गया है। मत्स्य विभाग के निदेशक गुरुचरण सिंह ने बताया कि दो माह के प्रतिबंध के बाद पहली अगस्त से मत्स्य आखेट शुरू हो जाएगा, जिसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्थान चयनित करके लेंडिंग सेंटर बनाए गए हैं। प्रतिबंध के दौरान अवैध शिकार का कोई मामला नहीं आया है।
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