धर्मशाला। शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने साहित्यकार बबीता ओबराय के कविता संग्रह दर्द की पदचाप का विमोचन किया। महिला साहित्यकार संस्था कांगड़ा की अध्यक्ष बबीता ओबराय ने अपने इस प्रथम कविता संग्रह में मानवीय संवेदनाओं के विभिन्न पहलुओं को कविताओं में अभिव्यक्त किया है। इस अवसर पर सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला में साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए साहित्यिक केंद्र विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि साहित्यकारों एवं पाठकों के लिए सुविधा हो। उन्होंने बबीता ओबराय को बधाई देते हुए कहा कि कविता संग्रह में परिवार और परिवेश की घटनाओं को शब्द देकर जीवन के गहरे रंगों को सजाने एवं संजोने के कवयित्री के प्रयास सराहनीय हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का आइना है और साहित्यकार समाज में अच्छे विचारों के वाहक होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में साहित्यकारों के सम्मान एवं उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं। इस दौरान सुधीर शर्मा ने त्रैमासिक पत्रिका सृजन सरिता के तीसरे अंक का भी विमोचन किया। सृजन सरिता पत्रिका के संपादक डॉ विजय पुरी हैं। शर्मा ने डॉ. सुशील हसरत नरेलवी के कहानी संग्रह दस का नोट का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. पीयूष गुलेरी, डॉ. विजय पुरी, डॉ. प्रत्यूष गुलेरी, विरेन्द्र शर्मा वीर, डॉ. सुशील हसरत, भूपेन्द्र जम्वाल, पूरन अहसान, रमेश मस्ताना, अशोक दर्द, जगजीत आजाद तथा सुभाष साहिल ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम में शहरी कांग्रेस महासचिव शकुन मनकोटिया, अमित डोगरा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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