ज्वालामुखी,(मोनिका
शर्मा)। ज्वालामुखी में मंदिर न्यास की ओर से सफाई व्यवस्था को लेकर
दिया जा रहा ठेका विवादों में घिर गया है। जिससे अब ठेके को रद्द कर इसे
दोबारा करवाने की मांग जोर पकडऩे लगी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आरोप लगाया जा रहा है कि नगर
की सफाई का ठेका देते वक्त मंदिर प्रशासन ने इसमें पारदर्शिता को
नजर अंदाज किया है। दरअसल मंदिर न्यास ने एक साल के लिये मंदिर की ओर जाने
वाले तमाम मार्गां की सफाई का काम इस बार ठेके देने के लिये जो टेंडर
निकाला, उसकी शर्तों के तहत ठेकेदार को 17 सफाईकर्मी व एक सफाई सुपरवाईजर
मंदिर न्यास को देने है। वहीं साल में तीन बार लगने वाले मेलों के दौरान
हर मेले में ठेकेदार को ही बीस सफाई कर्मी अलग से रखने होंगे।
इसका टेंडर
दो बार टलने के बाद तीसरी बार एक ठेकेदार को इतनी कम कीमत पर दे दिया गया
कि वह हैरान करने वाली है। ठेकेदार को यह यह ठेका महज एक लाख रूपये प्रति
माह पर दिया गया।अब सवाल उठ रहा है कि इतनी कम राशी पर आखिर कैसे इतनी
लेबर उपलब्ध हो सकती है। यह तभी संभव है जब ठेकेदार तय शर्तों के मुताबिक
इतनी लेबर उपलब्ध ही न करवाये। ऐसे हालात में नगर में सफाई व्यवस्था पर
विपरीत असर पडऩे का खतरा पैदा होने लगा है। नगर के सामाजिक संगठनों ने
स्थानीय विधायक रमेश धवाला से मिलकर इस ठेके को दोबारा करवाने की मांग की
है।
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